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इस गांव के हर घर में 'किचन गार्डन', रसोई के पानी से पैदा हो रही सब्जियां

मेरठ जिले में परीक्षितगढ़ इलाके का सिकंदरपुर गांव वैसे तो सबसे पिछड़ा गांव माना जाता है, लेकिन यहां की महिलाओं ने आधुनिक लोगों को भी पीछे छोड़ दिया है. सिकंदरपुर की महिलाओं ने हर घर में 'किचन गार्डन' बनाया है. इस गार्डन में हर तरह की सब्जियां उगाई जा रही हैं.

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Published : Feb 15, 2021, 4:14 PM IST

किचन गार्डन में सब्जी की पैदावार
किचन गार्डन में सब्जी की पैदावार

मेरठः गंगा खादर इलाके में बसा सिकंदरपुर गांव मेरठ जिले का आखिरी गांव है. जिला मुख्यालय से दूर होने की वजह से गांव में सरकारी सुविधाएं भले न पहुंच पा रही हों, लेकिन यहां की महिलाओं ने ऐसी मिशाल पेश की है जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है. महिलाओं ने अपने घरों के आंगन में खाली पड़ी जगह में 'किचन गार्डन' बनाया है. हर घर में लौकी, तोरई, बैंगन, मूली, गाजर, पालक, मेथी, धनिया, लहसुन, प्याज समेत तमाम हरी सब्जियां उगाई हुई हैं.

गांव की महिलाओं ने बनाया 'किचन गार्डन'.

एक्स्ट्रा सब्जी की होती है बिक्री
यहां कि महिलाएं घरों से निकलने वाले पानी को बर्बाद नहीं करती, बल्कि उस पानी से किचन गार्डन की सिंचाई करती हैं. गांव के हर घर में किचन गार्डन बना है, जिससे घर की महिलाएं अपने परिवार को ताजा सब्जियां खिला रही हैं, वहीं अतिरिक्त सब्जियों को बेचकर घरेलू जरूरतों को भी पूरा कर रही हैं.

पिछड़े गावों में सुमार है सिकंदरपुर
जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर परीक्षितगढ़ इलाके का सिकंदरपुर गांव वैसे तो सबसे पिछड़ा गांव माना जाता है. गांव में ज्यादातर परिवार के पास एक ही मकान और मकान के आगे घास फूंस का छप्पर है, लेकिन इस गांव किचन गार्डन के बारे में जो भी सुनता है गांव की ओर खींचा चला आता है. गांव की अनपढ़ महिलाओं ने पढ़े-लिखे लोगों को पीछे छोड़ दिया है, जो काम शहर में तमाम सुविधाएं होते हुए लोग नहीं कर पाते उनको यह अभाव में कर रही हैं.

रसोई के पानी से हो रही सिंचाई
ETV भारत से बातचीत में महिलाओं ने बताया कि गांव के हर घर में किचन गार्डन बना हुआ है. हर घर में सब्जियों की खेती की जा रही है. रसोई से निकलने वाले और बर्तन मांझने वाले पानी से इन सब्जियों की सिंचाई की जा रही है. इससे न तो पानी की बर्बादी होती है और न ही पानी गलियों में बहता है. गलियों में पानी न बहने से मच्छर और मक्खियों के साथ गंदगी से भी बचाव होता है.

जैविक सब्जियों की हो रही खेती
किचन गार्डन में पूरी तरह से जैविक सब्जियां उगाई जा रही हैं. कीट-पतंगों के लिए चूल्हे की राख का छिड़काव किया जाता है. खाद की जगह बर्तन मांझने वाले पानी से सिंचाई की जाती है, जिससे राख युक्त पानी किचन गार्डन को हरा भरा बनाये रखने में कारगर साबित होता है. ये सब्जियां खाने में न सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं बल्कि कैमिकल रहित होने की वजह से पौष्टिक भी होती हैं.

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