मेरठ: 22 फरवरी को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना यूपी का आम बजट पेश करने जा रहे हैं. यूपी सरकार के इस बजट पर जहां किसान, व्यापारी, वकील, छात्र-छात्राओं सहित सभी वर्गों की नजरे टिकी हुई हैं. वहीं विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स कारोबारी नाउम्मीद नजर आ रहे हैं. स्थानीय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक के खिलाड़ियों को क्रिकेट के बल्ले और बॉल समेत तमाम सामान उपलब्ध कराने वाले स्पोर्ट्स कारोबारी सरकार के दावों पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
यूपी बजट: सरकार से नाउम्मीद नजर आ रहे स्पोर्ट्स कारोबारी
योगी सरकार अपने कार्यकाल का चौथा आम बजट पेश करने जा रही है. 22 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में मजदूर तबके से लेकर बड़े कारोबारियों तक, हर वर्ग उम्मीद लगाए बैठा है. कई दशकों से सरकारों की अनदेखी शिकार हो चुके स्पोर्ट्स कारोबारी सरकार से खासे नाराज दिख रहे हैं. स्पोर्ट्स कारोबारियों का मानना है कि बजट में उन्हें कुछ नहीं दिया जाता है.
बीडीएम स्पोर्ट्स कंपनी के मालिक राकेश महाजन का कहना है कि योगी सरकार ने जो वादे किए थे. उनमें से एक भी पूरा नहीं किया है इसलिए 22 तारीख को पेश किए जाने वाले बजट से उन्हें कोई उम्मीद नहीं है. हालांकि स्पोर्ट्स फैक्ट्री में काम करने वाले कारीगरों ने सरकार से बड़ी उम्मीदें जताई हैं.
कारीगरों की उम्मीद
ईटीवी भारत की टीम ने मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में पहुंच कर कारीगरों और स्पोर्ट्स कारोबारियों के मन को टटोलने की कोशिश की. बल्ले बनाने वाले कारीगरों ने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए इन बल्लों से भारतीय क्रिकेटर ही नहीं विदेशी क्रिकेटर भी खेलते हैं. मेरठ इंडस्ट्री में बनाए गए BAT-BALL देश दुनिया में अपनी धाक बनाये हुए हैं, लेकिन कोरोना की वजह से स्पोर्ट्स इंडस्ट्री खासी प्रभावित हुई है. ऐसे में इन कारीगरों एवं स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को बजट से बड़ी उम्मीद है. कारीगरों का कहना है कि सरकार बजट में सभी को कुछ कुछ ना जरूर देना चाहिए.
नाराज है स्पोर्ट्स कारोबारी
ईटीवी भारत से बातचीत में विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स कंपनी के मालिक राकेश महाजन ने कहा कि "योगी सरकार को चुने हुए चार साल हो चुके हैं. सीएम योगी ने केवल घोषणाएं की है, लेकिन किया कुछ नहीं. योगी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में जो वादे किए थे अगर वही पूरा कर दे तो गनीमत होगी. सीएम योगी ने मेरठ में स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनवाने की घोषणा की, लेकिन वह मुजफ्फरनगर बनाया जा रहा है. मेरठ में इंटनेशल एयरपोर्ट बनाने को कहा था, लेकिन आज तक वह नहीं बन पाया. "वन प्रोडक्ट, वन डिस्ट्रिक्ट" योजना लागू की. वह भी सफल नहीं हो पाई. ऐसे में सरकार से स्पोर्ट्स कारोबारी क्या मांग करें. जब भारत सरकार के बजट मे स्पोर्ट्स इंडस्ट्री का नाम तक नहीं लिया तो प्रदेश सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है."
उन्होंने कहा कि "अगर सरकार मेरठ में एयरपोर्ट बनवा दें तो उन्हें स्पोर्ट्स सामान को लेकर दिल्ली मुंबई नहीं पड़ेगा बल्कि सीधे विदेशों में सप्लाई कर सकेंगे. स्पोर्ट्स नगरी मेरठ में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के साथ-साथ अगर स्पोर्ट्स विश्विद्यालय बना दिया जाए तो मेरठ शहर दुनिया भर में देश का नाम कर सकता है. बशर्ते घोषणाओं कस साथ धरातल पर काम भी किया जाना चाहिए."