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बृजघाट पर लगने वाला कार्तिक पूर्णिमा मेला स्थगित, हिन्दू महासभा ने रखी ये मांग

कोरोना माहामारी के मद्देनजर मेरठ में बृज घाट पर लगने वाला कार्तिक पूर्णिमा मेला स्थगित कर दिया गया है. जिसे लेकर हिन्दू महासभा ने बृज घाट पर दीप दान और पिंड दान की अनुमति मांगी है.

हिन्दू महासभा के कार्यकर्ता.
हिन्दू महासभा के कार्यकर्ता.

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Published : Nov 29, 2020, 11:06 AM IST

मेरठ:सर्दी आते ही कोरोना संक्रमण ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. मेरठ जिले में आये दिन सैकड़ों की तादात में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या मिलने से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. जिलाधिकारी के बाला ने बृज घाट पर प्राचीन काल से लगते आ रहे कार्तिक मेले को स्थगित कर दिया है. श्रदालुओं की आवाजाही को रोकने के लिए भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है. मेला स्थगित होने से कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीप दान एवं पिंड दान करने वालों के लिए समस्या बनी हुई है. जिसके चलते हिन्दू महासभा ने मंडलायुक्त को ज्ञापन देकर बृज घाट पर दीप दान और पिंड दान करने वालों के लिए अनुमति की मांग की है.


टूटी प्राचीन काल की परंपरा

कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन गंगा नदी किनारे स्थित बृज घाट पर ऐतिहासिक मेले का आयोजन होता रहा है. इस बार कोरोना वायरस की वजह से प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा टूट गई. हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन बृजघाट पर न सिर्फ विशाल मेले का आयोजन किया जाता था, बल्कि दूर-दूर से श्रदालु गंगा स्नान करने पहुंचते थे. श्रदालुओं की सुविधाओं के लिए महीनों पहले ही तंबू लगाए जाते थे. स्नानार्थी दीप-दान और पितरों का पिंड दान करने आते थे. लेकिन कार्तिक मेले पर इस बार कोरोना का ग्रहण लगा हुआ है.

हिन्दू महसभा ने मांगी अनुमति

हिन्दू महासभा पदाधिकारियों ने मंडलायुक्त को ज्ञापन देकर गंगा घाट पर दीप दान करने और पिंड दान करने वालों के लिए विशेष अनुमति की मांग की है. हिन्दू महासभा जिला अध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा घाट पर स्नानार्थी न सिर्फ अपने पूर्वजों के लिए दीप दान करते हैं बल्कि पितरों का पिंड दान भी करते हैं.

जिला प्रशासन द्वारा मेला स्थगित करना सराहनीय कदम है. लेकिन दीप दान और पिंड दान करने वालों पर रोक लगाना सही नहीं है. जिला प्रशासन उन लोगों के लिए विशेष पास जारी करे, जो अपने पूर्वजों के लिए दीप दान और पितरों के लिए पिंड दान करने आते हैं. शुध्द बहती नदी किनारे अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और घर परिवार में शांति के लिए दीप दान किया जाता है. जो लोग दीप एंव पिंड दान के लिए जाना चाहते है, तो एक बाइक पर दो लोगों को जाने की अनुमति दी जानी चाहिए. या फिर प्रशासन को चाहिए कि उनके लिए स्पेशल बस चलाए और कोरोना प्रोटोकॉल के नियमानुसार लोगों को घाट तक भेजने की व्यवस्था करें.

-अभिषेक अग्रवाल, जिला अध्यक्ष हिन्दू महासभा

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