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गगोल तीर्थ के बहुरेंगे दिन, विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए बनाया जाएगा विश्वस्तरीय

मेरठ जिले से 20 किलोमीटर दूर विश्वामित्र की तपोस्थली गगोल तीर्थ (gagol pilgrim) के अब अच्छे दिन आने वाले हैं. दो करोड़ की लागत से इस तीर्थ क्षेत्र में तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

गागोल तीर्थ कायाकल्प
गागोल तीर्थ कायाकल्प

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Published : Jul 20, 2021, 3:24 PM IST

मेरठ:जिले से 20 किलोमीटर दूर विश्वामित्र की तपोस्थली गगोल तीर्थ (gagol pilgrim) के अब अच्छे दिन आने वाले हैं. इस तीर्थ के कायाकल्प का खाका तैयार कर लिया गया है. तकरीबन दो करोड़ की लागत से इस तीर्थ को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा. इसके सुंदरीकरण के साथ-साथ तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम और लक्ष्मण ने जिस स्थान पर राक्षसों का संहार किया था अब वहां विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी. विश्वामित्र की तपोस्थली गगोल तीर्थ (gagol pilgrim) को अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इस आस्था के केंद्र के विकास के लिए तकरीबन दो करोड़ रुपये की योजना तैयार करके शासन को भेजी गई है. इस योजना के तहत यहां विकास कार्य, सुंदरीकरण और श्रद्धालुओं के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे विश्वामित्र तीर्थ गगोल के महात्मा काफी खुश हैं और वह सीएम योगी को इसके लिए धन्यवाद दे रहे हैं.

गगोल तीर्थ का होगा कायाकल्प.
गगोल तीर्थ (gagol tirth) रामायण काल से जुड़ा हुआ है. यह गुरु विश्वामित्र से संबंधित पौराणिक महत्व एवं धार्मिक आस्था का बड़ा केंद्र है. हर वर्ष यहां भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन, स्नान और पिंडदान के लिए यहां आते हैं. शासन के निर्देश पर उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन से गगोल तीर्थ के विकास, सुंदरीकरण और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार कराया गया है. यह प्रस्ताव 199.70 लाख का है. इस प्रस्ताव को वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में ही स्वीकृति दिलाकर कार्य पूर्ण कराया जाएगा. स्वामी शिवदास महाराज इस स्थान के महत्व के बारे में बताते हुए कहते हैं कि यहां राम जी के बाण से ही सरोवर का निर्माण हुआ था और राक्षसों का संहार हुआ था.
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अंजू चौधरी को इस प्रस्ताव की लगातार मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उम्मीद है कि जल्द से जल्द इस क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा, ताकि देश-विदेश के पर्यटक यहां आकर इस तपोस्थली को नमन कर सकें.

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