वाराणसी: धर्म की नगरी काशी में राधा अष्टमी की धूम है. हरे कृष्ण हरे राम संकीर्तन सोसायटी द्वारा राधा रानी के जन्म उत्सव पर दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया गया. तुलसी पूजन के साथ इसका शुभारंभ हुआ. महमूरगंज स्थित माहेश्वरी भवन में शाम होने के साथ ही आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई.
काशी में राधा अष्टमी महोत्सव की हुई शुरुआत. गुरुवार देर शाम श्री कृष्ण एवं श्री राधा रानी के युगल स्वरूप चैतन्य महाप्रभु की आरती किया गया. उसके बाद भक्तगणों को बताया गया कि चैतन्य महाप्रभु का अवतार पतित आत्माओं को उद्धार करने के लिए और भगवत प्रेम प्रदान करने के लिए हुआ है. ये भी पढ़ें: मथुरा: प्रशासन के खिलाफ साधु-संतों में रोष, शिकायत करने पहुंचे डीएम ऑफिस
...मानो काशी में ब्रजधाम उतर आया हो
राधा रानी के जन्म उत्सव के एक दिन पहले 'राधा रानी हमें यह बता दो जरा', 'सुख बरसाने वाली गुलाम तेरो बनवारी, मुझे बरसाना धाम बता दो राधा रानी', 'राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी' और 'मोर मुकुट प्यारे शीश पर सोहे' आदि भजनों पर भक्तगण भाव विभोर होकर ऐसा नृत्य कर रहे थे कि मानों ब्रजधाम काशी में उतर आया हो.
मीडिया प्रभारी गुरु प्रसाद 'प्रभु' ने बताया प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी हम राधा रानी का जन्मोत्सव मना रहे हैं.
यह दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत आज हम लोगों ने किया है. पहले हम लोगों ने तुलसी पूजन और आरती किया. उसके बाद देर रात अब भजन कीर्तन कार्यक्रम चल रहा है।
-गुरु प्रसाद 'प्रभु', मीडिया प्रभारी