मथुरा: सूर्य ग्रहण के दौरान गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों व सरोवरों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है. इसी तरह श्री धाम वृंदावन के अक्रूर घाट पर सूर्य ग्रहण के मौके पर यमुना में स्नान करने से कुरुक्षेत्र स्नान से अधिक पुण्य-लाभ की प्राप्ति होती है. इसी मान्यता के साथ रविवार को सूर्य ग्रहण पर यमुना स्नान के लिए अक्रूर घाट भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा. यहां भक्तों ने श्रद्धाभाव के साथ ग्रहण के दौरान पाठ और भजन-कीर्तन किया. साथ ही ग्रहण का मोक्ष होने पर यमुना में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना कर खुद को धन्य किया.
श्री धाम वृंदावन में सूर्य ग्रहण के अवसर पर अक्रूर घाट पर श्रद्धालुओं ने यमुना में स्नान कर पुण्य-लाभ की प्राप्ति की. इस दौरान जानकारी देते हुए रामबली शास्त्री ने बताया कि जब कोई भी सूर्य ग्रहण पड़ता है तो अक्सर लोग कुरुक्षेत्र जाते हैं. वहां जाकर स्नान करते हैं और पुण्य-लाभ कमाते हैं, लेकिन जो कुरुक्षेत्र में पुण्य-लाभ प्राप्त होता है वही अक्रूर घाट पर श्री धाम वृंदावन में स्नान करने से प्राप्त हो जाता है. ऐसी मान्यता है कि अक्रूर जी महाराज को कंस ने श्रीकृष्ण को लेने के लिए वृंदावन भेजा था. श्री कृष्ण को लेकर जब अक्रूर जी महाराज निकलने लगे तो ग्रहण लग गया. इस पर उन्होंने कुरुक्षेत्र जाने का मन बनाया, लेकिन श्रीकृष्ण ने उन्हें रोका. भगवान ने कहा कि कुरुक्षेत्र जाने की जरूरत नहीं है.