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ठाकुर बांके बिहारी की नगरी में तीज के त्यौहार पर आस्था का सैलाब

हरियाली तीज के पर्व का तीर्थ नगरी वृंदावन में विशेष महत्व है. इस दिन यहां सभी प्रमुख मंदिरों में विराजमान ठाकुरजी को झूला झुलाने की परंपरा है. मान्यता अनुसार इस दिन पहली बार वृंदावन की पवित्र धारा पर श्री कृष्ण ने राधा संग झूला झूलने का आनंद लिया था.

बांके बिहारी की नगरी.

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Published : Aug 3, 2019, 7:10 PM IST

मथुरा:हरियाली तीज पर्व पर विश्व विख्यात ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन करने के लिए लालायित नजर आए. ठाकुर बांके बिहारी ने स्वर्ण रजत हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए.

इस बार खास बात यह रही कि डेढ़ दशक बाद सुबह के समय में भी स्वर्ण रजत झूला डाला गया. इस अनुपम छवि को निहार कर भक्तगणों की खुशी का ठिकाना न रहा. अपने आराध्य की मनमोहक छवि निहार कर श्रद्धालु भक्त भाव विभोर दिखाई दिए.

बांके बिहारी की नगरी में तीज के त्यौहार पर आस्था का सैलाब.
  • हरियाली तीज पर बांके बिहारी मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ा.
  • सुबह तड़के से ही दूर-दराज से आए भक्तों की मंदिर प्रांगण में भारी भीड़ दिखाई दी.
  • हरियाली तीज पर ठाकुर जी को गर्भ गृह से जगमोहन में स्वर्ण रजत हिंडोले में विराजमान कराया गया.
  • सुबह जैसे ही भगवान ने भक्तों को दर्शन दिए संपूर्ण मंदिर ठाकुर जी के जयकारों से गुंजायमान हो उठा.

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वृंदावन में हरियाली तीज का विशेष महत्व
हरियाली तीज के पर्व का तीर्थ नगरी वृंदावन में विशेष महत्व है. इस दिन यहां सभी प्रमुख मंदिरों में विराजमान ठाकुरजी को झूला झुलाने की परंपरा है. मान्यता अनुसार इस दिन पहली बार वृंदावन की पवित्र धारा पर श्री कृष्ण ने राधा संग झूला झूलने का आनंद लिया था. तब से लेकर आज तक वृंदावन के सभी प्रमुख मंदिरों में उसी परंपरा का पूरी आस्था के साथ निर्वहन किया जा रहा है.

हरियाली तीज पर हरे रंग का है महत्व
हरियाली तीज के मौके पर 32 फुट चौड़े और 12 फुट ऊंचे सोने और चांदी से निर्मित विशाल झूले में बांके बिहारी झूलन उत्सव का आनंद लेते हैं. बांके बिहारी को उनके दोनों तरफ खड़ी सखियां झूला झुलाती है. हरियाली तीज के मौके पर हरे रंग का महत्व को देखते हुए ठाकुर जी को हरे रंग की विशेष पोशाक धारण कराई गई.

ठाकुर जी को लगाया गया घेवर का भोग
हरियाली तीज पर्व को लेकर ठाकुर जी को घेवर का भोग अर्पित किया गया. मंदिर में ठाकुर जी के स्वर्ण रजत हिंडोला दर्शन का क्रम देर रात तक चलता रहेगा. इधर बाहर से आए श्रद्धालु प्रभु भक्ति में ओतप्रोत नजर आए. वहीं सावन के गीतों पर महिला श्रद्धालु झूमती नजर आई. बांके बिहारी मंदिर में स्वर्ण रजत हिंडोला दर्शन का क्रम देर रात तक चलता रहता है.

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