राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को लेकर योगी सरकार गंभीर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को लेकर योगी सरकार काफी गंभीर है. यूपी की राजधानी लखनऊ में सीएम योगी ने मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को लेकर शिक्षाविदों के साथ विचार विमर्श किया.
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एवं अन्य शिक्षाविदों के साथ विचार विमर्श किया. उन्होंने कहा कि 2017 में प्रदेश के बेसिक स्कूलों में 1.34 करोड़ विद्यार्थी थे. राज्य सरकार के प्रयास से वर्तमान में एक करोड़ 80 लाख विद्यार्थी हैं. तीन वर्षों में करीब 50 लाख विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
1.58 लाख विद्यालयों में नि:शुल्क सामग्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के 1 लाख 58 हजार विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं का ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से सुदृढ़ किया गया है. इससे शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है. परिषद के इन स्कूलों में विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, पुस्तकें, जूता मोजा, स्वेटर आदि नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है.
यूराइज पोर्टल प्रारंभ किया गया
प्रदेश में व्यावसायिक और औपचारिक शिक्षा को जोड़ने के लिए कार्य किया गया है. इस उद्देश्य से युवराइज पोर्टल प्रारंभ किया गया है. प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय को सभी जिलों में स्थापित कृषि विज्ञान केंद्र से जोड़ा गया है. कृषि विज्ञान केंद्र किसानों से जुड़े हुए हैं. इन केंद्रों के माध्यम से विकास खंडों में एफपीओ के गठन का कार्य किया जा रहा है.
टास्क फोर्स का किया गया गठन
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को लेकर विभिन्न विभागों के समन्वय से टास्क फोर्स का गठन किया गया है. टास्क फोर्स की अब तक तीन बैठकें की गई हैं. शिक्षा से संबंधित सभी विभागों में स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है. हर हफ्ते स्टीयरिंग कमेटी की बैठक होती है.
डिजिटल लाइब्रेरी
दिनेश शर्मा ने कहा कि कोरोना काल खंड में विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए कई चैनल संचालित किए जा रहे हैं. विद्यार्थियों को ऑनलाइन पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की गई है. दो माह से भी कम समय में इसमें 53 हजार कंटेंट उपलब्ध कराए गए हैं.
एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू
प्रदेश में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किए जाने के साथ ही सस्ते मूल्य पर पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं. फीस को नियंत्रित करने के लिए शुल्क विनियमन अधिनियम लागू किया गया है. संस्कृत शिक्षकों की पूर्णकालिक भर्ती होने तक तदर्थ भर्ती की व्यवस्था की गई है. माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र बनाने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई है.
150 साल बाद भारतीयता के मूल आधार की शिक्षा नीति
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए सबसे पहले समिति का गठन करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि 150 वर्षों बाद भारतीयता के मूल आधार की शिक्षा नीति बनी है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को विचार, बौद्धिकता, व्यवहार से भारतीय बनाना है.
क्रियान्वयन को लेकर समिति गठित
वर्तमान में सबसे बड़ा प्रश्न नीति के क्रियान्वयन का है. नीति के क्रियान्वयन के लिए न्यास द्वारा भी समिति गठित की गई है. शीघ्र ही समिति की रिपोर्ट आ जाएगी. उन्होंने कहा कि नीति में पहली बार भारतीय भाषाओं को अत्यंत महत्व दिया गया है. शिक्षा नीति आत्मनिर्भरता की बात करती है. इसमें प्रधानमंत्री के लोकल के लिए वोकल की भावना भी सन्निहित है.
कोठारी ने कहा कि दो दिन ऑनलाइन, दो दिन ऑफलाइन तथा एक दिन प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर शिक्षण कार्य प्रारंभ किए जाएं. इससे अधिक से अधिक संख्या में विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. इस अवसर पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार सतीश द्विवेदी, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंघल, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.