उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

मैकेनिकल वेंटीलेशन में कैसे दिलायी जाती है मरीज को सांस, दिया गया प्रशिक्षण

मैकेनिकल वेंटीलेशन ऐसे गंभीर रोगियों को दिया जाता है जो अपने आप से सांस लेने में सक्षम नहीं होते हैं, इस प्रक्रिया में लाइफ सपोर्ट सिस्‍टम से मरीज को कृत्रिम सांस लेने में मदद की जाती है. यह मशीन धीरे-धीरे मरीज के फेफड़ों में हवा भरती है और फि‍र इसे वापस बाहर निकालने में मदद करती है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Dec 3, 2022, 4:27 PM IST

लखनऊ :मैकेनिकल वेंटीलेशन ऐसे गंभीर रोगियों को दिया जाता है जो अपने आप से सांस लेने में सक्षम नहीं होते हैं, इस प्रक्रिया में लाइफ सपोर्ट सिस्‍टम से मरीज को कृत्रिम सांस लेने में मदद की जाती है. यह मशीन धीरे-धीरे मरीज के फेफड़ों में हवा भरती है और फि‍र इसे वापस बाहर निकालने में मदद करती है. यह बिल्‍कुल वैसे ही कार्य करती है जैसे प्राकृतिक तौर पर स्‍वस्‍थ फेफड़े कार्य करते हैं. इसी मशीन की कार्य प्रणाली का प्रशिक्षण देने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में दो दिन की कार्यशाला आयोजित की गयी है.

केजीएमयू के क्रिटिकल मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का शुभारम्‍भ कुलपति ले.ज. डॉ बिपिन पुरी ने कलाम सेंटर में किया. कार्यशाला के पहले दिन उत्‍तर प्रदेश के विभिन्‍न स्‍पेशियलिटी एवं सुपर स्‍पेशियलिटी चिकित्‍सा संस्‍थानों के 40 से अधिक आईसीयू विशेषज्ञों ने अपने विचारों एवं अनुभवों को साझा किया. कार्यशाला में 100 से ज्‍यादा प्रतिभागियों ने हिस्‍सा लिया. कार्यशाला में बताया गया कि डॉक्‍टरों को यह जानना चाहिये कि वेंटीलेटर की आवश्‍यकता किन मरीजों को होती है और किन मरीजों को नहीं. इसके अलावा वेंटीलेटर के कौन-कौन से ऐसे पार्ट ऐसे हैं जिनके बारे में चिकित्‍सक को अवश्‍य जानकारी होनी चाहिये. वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखते समय डॉक्‍टर को किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिये, किस प्रकार वेंटीलेटर पर रखने की प्रक्रिया शुरू की जाती है, किन-किन पैरामीटर की सघन निगरानी रखनी होती है. इन जानकारियों के बारे में बताते हुए इसके प्रयोगात्‍मक प्रशिक्षण के लिए मैनीक्वीन (पुतलों) का प्रयोग किया गया.

इस मौके पर क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्‍यक्ष प्रो अविनाश अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश की चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था को और मजबूत बनाने के लिए चिकित्‍सकों को प्रशिक्षण देने के लिए इस तरह की कार्यशाला का आयोजन आगे भी किया जाता रहेगा. उन्‍होंने बताया कि इस कार्यशाला का आयोजन आईसीएमआर के सौजन्‍य से किया जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा यदि केजीएमयू के इस विभाग को प्रशिक्षण के लिए नोडल सेंटर बनाया जाता है तो क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा अपनी नैतिक जिम्‍मेदारी समझते हुए प्रदेश के आईसीयू विशेषज्ञों को प्रशिक्षण देने के लिए हमेशा तत्‍पर है.

यह भी पढ़ें : स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2022 की नेशनल रैंकिंग में लखनऊ बना नंबर एक, महापौर को किया सम्मानित

ABOUT THE AUTHOR

...view details