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महिला शिक्षिकाओं ने सीएम योगी से हाथ जोड़ कर मांगा रिलीविंग आर्डर, कहा- ठंड में बूढ़ी मां को देखने वाला कोई नहीं

लखनऊ में पिछले तीन दिनों से भीषण ठंड में बेसिक शिक्षा निदेशालय पर छोटे बच्चों के साथ महिला शिक्षिकाएं धरना दे रही हैं. स्थानांतरण आदेश जारी करने पर रोक लगने के बाद महिला शिक्षिकाओं ने प्रदर्शन शुरू किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 13, 2024, 7:54 PM IST

लखनऊ में बेसिक शिक्षा निदेशालय पर शिक्षकों को प्रदर्शन

लखनऊःप्रदेश के बेसिक विद्यालयों में एक जिले से दूसरे जिले में अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतर रिलीविंग के लिए आई महिला शिक्षिकाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हाथ जोड़कर अपना स्थानांतरण आदेश जारी करने की मांग की. प्रदर्शन कर रही महिला शिक्षिकाओं का कहना है कि वह बहुत लंबे समय से इस स्थानांतरण के लिए इंतजार कर रही हैं. रिलीविंग प्रक्रिया शुरू होने से ठीक 8 घंटे पहले सचिव की तरफ से एक आदेश जारी कर उनका स्थानांतरण आदेश जारी करने पर रोक लगा दी गयी.

बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन कर रहीं महिला शिक्षक

सचिव के इस आदेश के बाद स्थानांतरण की तैयारी कर चुके महिला और पुरुष शिक्षकों को काफी मायूसी हुई. बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन कर रही महिला शिक्षिकाओं का कहना है कि उनके घरों में उनके परिवार वाले उनका इंतजार कर रहे हैं. विभाग के इस आदेश के बाद वह न तो अपने जनपद में रह सकती हैं और न ही अपने घर जा पा रही हैं. ऐसे में मजबूर होकर उन्हें निदेशालय पर बीते तीन दिनों से धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

छोटे बच्चों को लेकर के महिला शिक्षिकाएं धरने पर बैठी हैं. रिलीविंग के आदेश के लिए पिछले तीन दिनों से बेसिक शिक्षा निदेशालय निशातगंज में धरना दे रही शिक्षिकाओं ने कहा कि विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार 11 से 13 जनवरी तक सभी शिक्षकों को उनके जनपदों में रिलीविंग और ज्वॉइनिंग की प्रक्रिया को पूरा करना था. ऐसे में प्रदेश के हजारों महिला और पुरुष शिक्षकों ने अपने-अपने जनपदों में पैकिंग कर सामान अपने घरों को भेजने के साथ ही वह उसे जनपद में जिन जगहों पर रहते थे, उसे भी खाली कर दिया था. ऐसे में जो महिला शिक्षिका स्थानांतरण पर जाने की तैयारी कर चुकी थीं.

वह भी अपने आदेश रुकने के बाद ना तो वह अपने जनपद में रह सकती थीं, न ही वह घर जा सकती थी. ऐसे में सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं अपने रिलीविंग आर्डर जारी करने की मांग को लेकर निदेशालय पर धरने पर बैठ गए. महिला शिक्षिकाओं का कहना है कि जब इस ट्रांसफर के लिए आदेश जारी हुआ, तो वह सभी काफी खुश थे. इतने सालों के नौकरी के बाद उन्हें अपने जनपद में जाकर नौकरी करने का मौका मिलेगा. सबसे अधिक उनके परिवार वाले उनके ट्रांसफर को लेकर उत्साहित थे.

कौशांबी में तैनात शिक्षिका आरती केसरी अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के तहत उनको प्रयागराज जिला स्थानांतरण के लिए आवंटित हुआ था. उन्होंने बताया कि उनके घर में उनकी बूढ़ी मां हैं. इस ठंड में उन्हें देखने वाला कोई नहीं है. माता-पिता की देखरेख करने के लिए शादी नहीं की. पिछले कई सालों से अपने जिले में स्थानांतरण के लिए कोशिश कर रहे थे. अब जब विभाग की ओर से स्थानांतरण का मौका मिला, तब रिलीविंग आर्डर जारी होने के ठीक 8 घंटे पहले विभाग ने उसे पर रोक लगा दी. वहीं प्रदर्शन कर रही दूसरी महिला शिक्षिका अंशु ने कहा कि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का आदेश जारी होते ही पीलीभीत में रह रहा उनका 5 साल का बेटा काफी खुश था.

विभाग की नौकरी में होने के कारण उनका बेटा कभी भी लंबे समय तक उनके साथ नहीं रहा था. जब उन्होंने परिवार में अपने स्थानांतरण की बात बताई, तो सबसे अधिक उनका बड़ा बेटा खुश था. पर जैसे ही विभाग ने आदेश पर रोक लगाई, तो उनका बेटा काफी मायूस हो गया. वह अब अपने डेढ़ वर्षीय बेटे के साथ बीते तीन दिनों से निदेशालय पर धरने पर बैठी हैं.

11 से 13 जनवरी के बीच में होना था स्थानांतरण: प्रदेश के बेसिक विद्यालयों में एक जिले से दूसरे जिले में अंतर्जनपदीय परस्पर तबादले का आदेश दिसंबर 2023 में विभाग की ओर से जारी किया गया था. जारी आदेश के तहत सभी शिक्षकों जो म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग के तहत दूसरे जिले में स्थानांतरण की मांग कर रहे थे. उन्हें 11 से 13 जनवरी के बीच उनकी ज्वाइनिंग की प्रक्रिया पूरी होनी थी. आदेश जारी होने से ठीक 8 घंटे पहले विभाग की ओर से इस आदेश पर रोक लगा दी.

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