लखनऊःप्रदेश के बेसिक विद्यालयों में एक जिले से दूसरे जिले में अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतर रिलीविंग के लिए आई महिला शिक्षिकाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हाथ जोड़कर अपना स्थानांतरण आदेश जारी करने की मांग की. प्रदर्शन कर रही महिला शिक्षिकाओं का कहना है कि वह बहुत लंबे समय से इस स्थानांतरण के लिए इंतजार कर रही हैं. रिलीविंग प्रक्रिया शुरू होने से ठीक 8 घंटे पहले सचिव की तरफ से एक आदेश जारी कर उनका स्थानांतरण आदेश जारी करने पर रोक लगा दी गयी.
सचिव के इस आदेश के बाद स्थानांतरण की तैयारी कर चुके महिला और पुरुष शिक्षकों को काफी मायूसी हुई. बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन कर रही महिला शिक्षिकाओं का कहना है कि उनके घरों में उनके परिवार वाले उनका इंतजार कर रहे हैं. विभाग के इस आदेश के बाद वह न तो अपने जनपद में रह सकती हैं और न ही अपने घर जा पा रही हैं. ऐसे में मजबूर होकर उन्हें निदेशालय पर बीते तीन दिनों से धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
छोटे बच्चों को लेकर के महिला शिक्षिकाएं धरने पर बैठी हैं. रिलीविंग के आदेश के लिए पिछले तीन दिनों से बेसिक शिक्षा निदेशालय निशातगंज में धरना दे रही शिक्षिकाओं ने कहा कि विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार 11 से 13 जनवरी तक सभी शिक्षकों को उनके जनपदों में रिलीविंग और ज्वॉइनिंग की प्रक्रिया को पूरा करना था. ऐसे में प्रदेश के हजारों महिला और पुरुष शिक्षकों ने अपने-अपने जनपदों में पैकिंग कर सामान अपने घरों को भेजने के साथ ही वह उसे जनपद में जिन जगहों पर रहते थे, उसे भी खाली कर दिया था. ऐसे में जो महिला शिक्षिका स्थानांतरण पर जाने की तैयारी कर चुकी थीं.
वह भी अपने आदेश रुकने के बाद ना तो वह अपने जनपद में रह सकती थीं, न ही वह घर जा सकती थी. ऐसे में सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं अपने रिलीविंग आर्डर जारी करने की मांग को लेकर निदेशालय पर धरने पर बैठ गए. महिला शिक्षिकाओं का कहना है कि जब इस ट्रांसफर के लिए आदेश जारी हुआ, तो वह सभी काफी खुश थे. इतने सालों के नौकरी के बाद उन्हें अपने जनपद में जाकर नौकरी करने का मौका मिलेगा. सबसे अधिक उनके परिवार वाले उनके ट्रांसफर को लेकर उत्साहित थे.