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उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल ने जारी किया चुनावी मांगपत्र, राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग

उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल की तरफ से एक 14 सूत्री मांगपत्र जारी किया गया है. कहा गया कि जो राजनीतिक दल उनकी मांगों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगा, उत्तर प्रदेश का व्यापारी वर्ग उसी राजनीतिक दल को वोट देकर जीत दिलाएंगे.

उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल ने जारी किया चुनावी मांग पत्र
उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल ने जारी किया चुनावी मांग पत्र

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Published : Dec 2, 2021, 6:37 PM IST

लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर गुरुवार को उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल की तरफ से एक चुनावी मांगपत्र जारी किया गया. यह मांगपत्र व्यापारियों की तमाम समस्याओं को लेकर है जिसमें 14 सूत्री मांगें शामिल हैं.

संगठन के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि जो राजनीतिक दल उनकी मांगों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगा और उनकी समस्याओं को सुनेगा, उत्तर प्रदेश का व्यापारी वर्ग उसी राजनीतिक दल को वोट देकर जीत दिलाएगा.

उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता की ईटीवी भारत से बातचीत

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल व्यापारियों का एक बड़ा संगठन है. संगठन के अध्यक्ष संजय गुप्ता व्यापारियों की समस्याओं को लेकर हमेशा सक्रिय रहते हैं.

इसी कड़ी में गुरुवार को संगठन की तरफ से व्यापारियों की समस्याओं से जुड़ा 14 सूत्री मांगपत्र जारी किया गया. इस मांगपत्र में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर कानूनी नीति बनाने की मांग शामिल है.

साथ ही व्यापार नीति को बढ़ाने के लिए व्यापारी नीति आयोग का गठन करने और प्रदेश के प्रमुख अनुभवी व्यापारियों को इसमें शामिल करने की मांग है. जीएसटी सुझाव समिति का गठन, पंजीकृत व्यापारियों के लिए 10 लाख का व्यापारी स्वास्थ्य बीमा, कॉमर्शियल हाउस टैक्स, कॉमर्शियल विद्युत और इन सब के साथ व्यापारियों की सुरक्षा की मांग शामिल है. व्यापारियों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने प्रदेश के हर थाने में व्यापारी डेस्क बनाने की मांग की.

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संजय गुप्ता ने कहा कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू करने के बाद से व्यापारियों को व्यापार में काफी राहत मिलने की बात कही गई थी. मगर जीएसटी अब उनके लिए जी का जंजाल बन चुका है.

कहा कि इसके लिए जीएसटी सुझाव समिति का गठन होना चाहिए. इसमें प्रदेश के प्रमुख व्यापारी संगठनों के अनुभवी विशेषज्ञ व्यापारी प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाए. व्यापारियों के सुझावों को जीएसटी परिषद में राज्य सरकार की ओर से भेजा जाए. कहा कि भेजे जाए सुझावों के क्रियान्वयन के लिए मजबूत पैरवी भी की जाए.

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