लखनऊः पिछले कुछ समय से लगातार डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है. ऐसे में परिवहन निगम की बसों में किराया बढ़ोतरी को लेकर भी मन में सवाल उठता है, लेकिन अपनी प्रभावित हो रही आय के बावजूद उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने अभी तक बसों का किराया नहीं बढ़ाया है. परिवहन निगम 300 करोड़ रुपये के फायदे के साथ पिछले साल तक चल रहा था. वहीं डीजल के बढ़े दाम से आय तो प्रभावित हुई है, लेकिन इसके आंकड़े अधिकारी अभी नहीं दे पा रहे हैं.
जनवरी 2020 के किराया वृद्धि पर चल रही हैं बसें
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में जनवरी 2020 को हुई किराया वृद्धि के आधार पर ही अभी तक लगातार यात्रियों को सफर कराया जा रहा है. ईटीवी भारत ने डीजल की बढ़ती कीमतों के बावजूद परिवहन निगम की बसों के किराए में वृद्धि न होने से परिवहन निगम के सामने क्या स्थिति है, उसको लेकर पड़ताल की.
आय प्रभावित पर नहीं बढ़ाया गया किराया
पड़ताल में पता चला कि परिवहन निगम की आय तो प्रभावित हुई है. बावजूद इसके अभी तक किराया वृद्धि नहीं किया गया और ऐसे में कर्मचारियों को भी लगातार वेतन दिया जा रहा है. यही नहीं डीजल खरीदने के एवज में पेट्रोलियम कंपनियों को भी लगातार भुगतान भी हो रहा है.
12 हजार बसों का होता है संचालन
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के बस बड़े में इस समय करीब 12 हजार बसों का संचालन हो रहा है और इनमें लाखों यात्री सफर कर रहे हैं. कोविड-19 संकटकाल के बावजूद बसों का संचालन लगातार जारी रहा. इस बीच डीजल की कीमतों में भी लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन परिवहन निगम ने इन परिस्थितियों को देखते हुए अपने किराये में कोई बढ़ोतरी नहीं की है.
किराया बढ़ाने का कोई प्रस्ताव भी नहीं
ईटीवी भारत ने परिवहन निगम अधिकारियों से बात की तो पता चला कि फिलहाल किराया वृद्धि को लेकर कोई प्रस्ताव अभी नहीं है. भविष्य में किराया वृद्धि को लेकर जब भी बोर्ड बैठक होगी उस पर चर्चा होगी और उसी आधार पर फैसला किया जाएगा.
प्रतिदिन करीब 18 लाख यात्री करते हैं सफर
परिवहन निगम की संचालित होने वाली करीब 12 हजार बसों में प्रतिदिन औसतन 18 लाख यात्री सफर करते हैं. वहीं साल भर की अगर बात की जाए तो यह आंकड़ा 58 से 60 करोड़ के आसपास रहता है. इतने यात्री प्रति साल परिवहन निगम की बसों में सफर करते हैं और अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं.