लखनऊ:उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) में हुए 22 अरब रुपये के पीएफ घोटाले में आईएएस संजय अग्रवाल के हस्ताक्षर फर्जी निकले हैं. फोरेंसिक जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद शासन ने कॉरपोरेशन में तैनात तत्कालीन चेयरमैन संजय अग्रवाल, आलोक कुमार और तत्कालीन एमडी अपर्णा यू के खिलाफ पूछताछ की मंजूरी नहीं दी है. सीबीआई ने कुछ समय पहले इन तीनों से पूछताछ की अनुमति मांगी थी.
गौर हो कि यह पीएफ घोटाला 2019 में सामने आया था. वहीं, पहले इसकी जांच ईओडब्ल्यू ने की और इसके बाद मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था. शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार नियुक्ति व कार्मिक विभाग ने जब तथ्यों की पड़ताल की तो सामने आया कि जिस बोर्ड बैठक में अधिक रिटर्न देने वाली कंपनियों में निवेश का फैसला किया गया था, उसके कार्यवृत्त पर तत्कालीन चेयरमैन संजय अग्रवाल के हस्ताक्षर फर्जी थे.