उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

रियल एस्टेट को राहत देने की तैयारी में यूपी सरकार, मिलेंगी कई सुविधाएं

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार रियल एस्टेट सेक्टर को कई मामलों में राहत देने की योजना बना रही है. इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है. फिलहाल अभी इस मामले में सुझाव मांगे गए हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार

By

Published : Sep 26, 2020, 5:06 PM IST

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार कई अन्य उद्योगों की तरह रियल एस्टेट सेक्टर को भी राहत देने की तैयारी कर रही है. इससे लॉकडाउन के समय रियल एस्टेट कारोबारियों के सामने उत्पन्न हुए संकट को दूर किया जा सकेगा. साथ ही रियल एस्टेट से जुड़ी परियोजनाएं रफ्तार पकड़ सकेंगी और यह कारोबार पटरी पर व्यवस्थित होकर लौट सकेगा.

रियल एस्टेट सेक्टर कारोबारियों को राहत देने के उद्देश्य से आवास आयुक्त अजय चौहान की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. इस समिति के सुझावों के आधार पर रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और बढ़ती हुई लागत को कम करने के लिए बिल्डरों को छूट का ऐलान राज्य सरकार आने वाले समय में करेगी. फिलहाल समिति के गठन के बाद सुझाव मांगे गए हैं.

यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बिल्डरों को एक प्रमुख संगठन क्रेडाई के पदाधिकारियों ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बिल्डरों से संबंधित समस्याओं पर चर्चा हुई और फिर बैठक का निष्कर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाकर रियल एस्टेट सेक्टर को राहत देने पर चर्चा हुई. इसके बाद आवास आयोग की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. समिति की रिपोर्ट के आधार पर आने वाले समय में बिल्डरों को अन्य उद्योगों की तरह सब्सिडी या अन्य किसी प्रकार की राहत दिए जाने पर फैसला किया जा सकता है.

बिल्डरों के संगठन क्रेडाई के पदाधिकारियों ने शासन के अधिकारियों के सामने रियल एस्टेट सेक्टर की परियोजनाओं को महामारी व आपदा प्रबंधन कानून के तहत होने वाली कार्रवाई से मुक्त रखने की प्रमुख मांग की थी. क्योंकि इसकी वजह से उन्हें श्रमिक नहीं मिल पाते और परियोजनाओं की रफ्तार लगभग थम सी जाती है. इसके बाद सरकार ने समिति बनाकर रिपोर्ट मांगी है.

आवास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक रियल एस्टेट परियोजनाओं को शुरू करने के लिए सरकार ने बिल्डरों के संगठन क्रेडाई की ज्यादातर मांगों को मानने पर सहमति दे दी है. इनमें साइट पर कोई मजदूर कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाता है तो इसके लिए बिल्डर पर आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं कराया जाएगा. इसके अलावा बिल्डरों की जो अन्य और सहूलियत से जुड़ी डिमांड हैं, उन पर भी समिति फैसला लेगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details