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2022 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल है उपचुनाव... - सात सीटों पर हो रहा उपचुनाव

यूपी की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को 2022 विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं प्रदेश में योगी सरकार को करीब साढ़े तीन साल पूरे हो गए हैं. ऐसे में इन उपचुनाव को योगी सरकार के कामकाज और कानून व्यवस्था की परीक्षा माना जा रहा है.

यूपी विधानसभा उपचुनाव 2020.
यूपी विधानसभा उपचुनाव 2020.

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Published : Oct 23, 2020, 5:01 PM IST

लखनऊ:उत्तर प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव को एक तरह से 2022 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. साढ़े 3 साल बाद यूपी की सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम यूपी में सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साथ ही विपक्षी दलों के लिए भी परीक्षा बन गए हैं. 10 नवंबर को आने वाले चुनाव परिणाम 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा राजनीतिक संदेश देने वाले साबित होंगे.

सात सीटों पर हो रहा उपचुनाव.
इन सात विधानसभा सीटों पर हो रहे हैं उपचुनावउत्तर प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. सभी दलों के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं और इन सभी के भाग्य का फैसला जनता तीन नवंबर को करने वाली है. सात सीटों में फिरोजाबाद की टूंडला, उन्नाव की बांगरमऊ, बुलंदशहर सदर, जौनपुर की मल्हनी, कानपुर की घाटमपुर, अमरोहा की नौगांव सादात, देवरिया की देवरिया सदर सीट शामिल है.
भाजपा के साथ विपक्षियों की भी परीक्षा है उपचुनाव .

2017 में छह पर भाजपा तो एक पर सपा का था कब्जा
बता दें कि जिन 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से छह सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. वहीं सपा के खाते में एक सीट (जौनपुर की मल्हनी) आई थी. अब भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के सामने अपना प्रदर्शन दोहराते हुए और अधिक बेहतर करने की चुनौती हैं. इसके साथ ही बसपा और कांग्रेस के लिए भी उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने को पूरी कोशिश कर रही है.

देखें वीडियो.

योगी सरकार के कामकाज की होगी परीक्षा
प्रदेश में योगी सरकार को करीब साढ़े तीन साल पूरे हो गए हैं. ऐसे में इन उपचुनाव को योगी सरकार के कामकाज और कानून व्यवस्था की परीक्षा माना जा रहा है. इस उपचुनाव में जनता बताएगी कि उसे सीएम योगी पर भरोसा है उसे 2022 में सीएम के नाम पर कोई संशय है. विपक्ष की तरफ से भी सरकार पर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. वहींं हाथरस और बलरामपुर जैसी घटनाओं के बाद ये उपचुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं है.

सीएम योगी की होगी परीक्षा.
विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल हैं 'उपचुनाव'उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी कितनी सीटों पर विजय हासिल करती है यह भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले इस उपचुनाव को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. ऐसे में सात सीटों पर होने वाला उपचुनाव सूबे की तमाम पार्टियों को 2022 विधानसभा चुनाव के लिए संदेश भी मिलेगा. इसके साथ ही सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए इन सीटों पर जीत दर्ज करके एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने की कोशिश भी की जाएगी. स्वाभाविक रूप से उपचुनाव परिणाम सरकार के साथ ही विपक्ष की भूमिका और जनता के बीच पकड़ और पहुंच बताने वाले होंगे.
यूपी विधानसभा उपचुनाव 2020.
सरकार पर हमलावर हैं विपक्षी दलउत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सब कुछ बेहतर करने के दावों के विपरीत विपक्षी दल योगी सरकार के कामकाज की लगातार पोल खोल रहे हैं. जो घटनाएं घट रही हैं उनको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साधकर हमलावर है. इसके साथ ही विपक्षी दल ध्वस्त कानून व्यवस्था से लेकर विकास के पायदान पर सरकार को फ्लॉप बता रहे हैं.
विपक्षी पार्टियों ने भी झोंकी ताकत.

उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में हुई कई बड़ी घटनाओं में भी सरकार को विपक्ष की तरफ से लगातार कटघरे में खड़ा किया जाता रहा है. ऐसे में उपचुनाव परिणाम में विपक्ष किस प्रकार की अपनी सक्रिय भूमिका अदा करेगा. जनता के बीच जमीन पर विपक्षी दलों की कितनी पकड़ और पहुंच बढ़ी है या फिर घटी है, इस बात का उत्तर भी उपचुनाव परिणाम देने वाले होंगे.

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