लखनऊ : मच्छरों के आतंक से पूरा उत्तर प्रदेश बेहाल है. यहां डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. मथुरा, फिरोजाबाद समेत कई जिलों में बीमारी भयावह हो गई है. रोज सैकड़ों मरीज चपेट में आ रहे हैं. अब मरीजों की संख्या 16 हजार का आंकड़ा पार कर गई है. इसमें लखनऊ के 28 केस हैं. राजधानी के फैजुल्लागंज में लगातार डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं.
308 और मरीज डेंगू की गिरफ्त में
राज्य में बुखार का प्रकोप नहीं थम रहा है. यहां मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी भयावह हो रही है. जलभराव व गंदगी से स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पायरोसिस व डेंगू-मलेरिया की समस्या बढ़ रही है. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. मंगलवार को 308 मरीज राज्य में मिले. अब कुल मरीजों की संख्या 16 हजार 108 पहुंच गई है. इसके अलावा 35 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किया गया है.
अस्पतालों में 314 बेड रिजर्व, कई बुखार से पीड़ित भर्ती
बलरामपुर चिकित्सालय में कुल 128 बेड आरक्षित किए गए हैं. इसमें 12 डेंगू पॉजिटिव व 17 बुखार के भर्ती हैं. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय में 70 बेड आरक्षित हैं. जिनमें 5 डेंगू व 15 बुखार के मरीज भर्ती हैं. लोकबन्धु चिकित्सालय में 70 बेड के वार्ड में 35 बुखार के मरीज भर्ती हैं. बीआरडी चिकित्सालय में 20 बेड, टीबी चिकित्सालय में 14 बेड, रानी लक्ष्मी बाई संयुक्त चिकित्सालय में 12 बेड आरक्षित हैं. जिले में कुल 314 बेड डेंगू के लिए आरक्षित किए गए हैं.
हल्के में न लें बुखार को, 90 फीसद में डेंगू स्ट्रेन-टू
केजीएमयू की आईसीएमआर की लैब प्रभारी डॉ सुरुचि शुक्ला के मुताबिक किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं. कोविड में जहां 90 फीसद में डेल्टा वायरस मिल रहा है, वहीं डेंगू के 90 फीसद मरीज में स्ट्रेन-टू मिल रहा है. यह घातक है.
डेंगू के प्रकार
टाइप- 1- सामान्य डेंगू- इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.