उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

लोहिया संस्थान में अस्पताल के विलय के बाद व्यवस्था चरमराई, OPD में मरीजों की संख्या हुई आधी - lucknow lohia institute

लखनऊ के लोहिया संस्थान में अस्पताल के विलय होने के बाद भी स्वास्थ्य सुविधाएं बद से बदतर है. डॉक्टर भी समय से अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं. वहीं गंभीर हालत में आए हुए मरीजों को डॉक्टर बाहर रेफर कर रहे हैं.

लखनऊ लोहिया संस्थान

By

Published : Oct 19, 2019, 7:29 PM IST

लखनऊ: राजधानी के लोहिया संस्थान में अस्पताल के विलय हो जाने के बाद उम्मीद थी कि हालात सुधरेंगे, लेकिन संस्थान में अस्पताल के विलय हो जाने के बाद हालात बद से बदतर हो गए हैं. जिसकी वजह से मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो वही ओपीडी में रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या भी आधी रह गई है.

लोहिया संस्थान में अस्पताल के विलय के बाद व्यवस्था चरमराई.

पढ़ें:सिविल अस्पताल में मिलेगी वेंटिलेटर की सुविधा, मरीजों को मिलेगी राहत

संस्थान के अस्पताल में विलय होने पर भी खत्म नहीं हुई समस्या
लोहिया संस्थान में अस्पताल के विलय का इंतजार कर्मचारियों के साथ-साथ मरीजों को भी था. उम्मीद थी कि लोहिया संस्थान में अस्पताल के विलय हो जाने के बाद अस्पताल भी संस्थान की तरह ही काम करने लगेगा, लेकिन इस उम्मीद पर संस्थान खरा नहीं उतर रहा. दरअसल विलय हो जाने के लगभग हफ्ता भर गुजर जाने के बाद लोहिया संस्थान की सारी व्यवस्था चरमरा गई हैं. इसकी वजह से मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना लोहिया संस्थान में करना पड़ रहा है. इसका नतीजा है कि बीते दिनों की चली ओपीडी में मरीजों के आने वाली संख्या आधी रह गई है.

समय से नहीं पहुंच रहे हैं डॉक्टर अस्पताल
वहीं आधे से ज्यादा आने वाले मरीजों को लोहिया संस्थान में रेफर किया जा रहा है और उन्हें भर्ती भी नहीं किया जा रहा है. जिसकी वजह से मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोहिया संस्थान में दूरदराज से आने वाले मरीजों को उम्मीद थी कि विलय हो जाने के बाद इलाज और बेहतर तरीके से संस्थान में मिलने लगेगा, लेकिन उनकी उम्मीदों पर संस्थान की कार्यशैली खरा नहीं उतर पा रही. बीते 5 दिनों में व्यवस्थाएं कुछ इस तरह से हो गई है कि डॉक्टर अपने मनमाने समय पर अस्पताल में पहुंच रहे हैं. मरीजों को देख रहे हैं. ऐसे में मरीज सुबह से ही पर्चा बनवा करके लाइन में लग जाते हैं, लेकिन डॉ. 12 बजे तक की ओपीडी में ही नहीं दिखते हैं.

गंभीर हालत में आए हुए मरीजों को किया जा रहा रेफर
बताया जा रहा है कि यह समस्या संस्थान और और अस्पताल के डॉक्टरों के बीच में समन्वय न होने की वजह से आ रही है. हालांकि डॉक्टरों की ड्यूटी तय कर दी गई है, लेकिन उसके बावजूद भी डॉक्टर तय समय पर अस्पताल में नहीं पहुंच रहे हैं. इसकी वजह से मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को लंबे इंतजार के बावजूद भी डॉक्टर नहीं देख पा रहे हैं. वहींअति गंभीर मरीजों को डॉक्टर सीधे रेफर कर दे रहे हैं और अपने यहां भर्ती भी नहीं कर रहे.


वहीं जब इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. ए के त्रिपाठी से बातचीत की तो उन्होंने इस तरह की तमाम दिक्कतों को सिरे से खारिज कर दिया और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा किया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details