लखनऊ: नवाबों की नगरी लखनऊ में मौजूद ऐतिहासिक इमारतों का कोई जोड़ नहीं है. वहीं राजधानी में एक ऐसा ऐतिहासिक तालाब है, जिसे 18वीं सदी में नवाब आसफ़ुद्दौला के खास रहे दीवान राजा टिकैत राय ने बनवाया था. इसे टिकैत राय तालाब के नाम से जाना जाता है. करीब 25 साल पहले तत्कालीन सांसद अटल बिहारी वाजपेयी ने 25 लाख की लागत से इस तालाब में म्यूजिकल फाउंटेन लगवाया था.
संवाददाता ने स्थानीय लोगों से की बातचीत.
राजधानी में जहां भूल भुलैया, रेजीडेंसी, सफेद बारादरी, लाल बारादरी, भातखंडे संगीत विद्यालय, सतखंडा, सहादत अली खान का मकबरा, रूमी गेट, लक्ष्मण पार्क व जनरैल कोठी जैसी ऐतिहासिक इमारतें हैं. वहीं एक ऐतिहासिक टिकैत राय तालाब भी है.
जानिए क्या है टिकैत राय तालाब का इतिहास
वर्ष 2014 में इस तालाब का सुंदरीकरण कराने वाले सपा कार्यकर्ता हनीफ खान का कहना है कि काफी समय बीतने के बाद लोग यहां लगी ग्रिल उखाड़ ले गए और यहां शराब पी जाने लगी. इससे यहां पर लोगों ने आना बंद कर दिया. तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुंदरीकरण कराने के लिए एक करोड़ 96 लाख रुपये का बजट दिया. इससे फव्वारा सही कराया गया. पत्थर और लाइटें लगवाई गईं.
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने भी तालाब का जीर्णोद्धार कराया था
विधायकसुरेश श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से कहा कि 1991 में जब अटल जी पहली बार लखनऊ के सांसद बने थे तो मैं उनको टिकैत राय तालाब ले गया था. उन्होंने कहा था कि अब यह तालाब तो नहीं बन सकता, लेकिन म्यूजिकल फाउंटेन जरूर लगाया जा सकता है. यह उत्तर प्रदेश का पहला म्यूजिकल फाउंटेन था. इसको बनाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने 25 लाख रुपये दिए थे.
इतिहास विद योगेश प्रवीन ने ईटीवी भारत को बताया कि मेहंदी गंज के पीछे शीतला मंदिर है और एक निशात बाग हुआ करता था. जिसमें बाद में अपट्रान का कारखाना बनाया गया. वह जर्जर अवस्था में है. उसी के सामने टिकैत राय तालाब है. इन सबको दीवान राजा टिकैत राय ने बनवाया था. मैंने इस तालाब को पानी से लबालब भरे देखा है. अब उसकी हालत दयनीय हो गई है.