लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष सांसद कौशल किशोर के पुत्र आयुष किशोर की ओर से दाखिल याचिका पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि आयुष के खिलाफ दर्ज एफआईआर में लगी धाराओं के तहत सजा सात साल तक की है. लिहाजा उसकी सीधे गिरफ्तारी नहीं की जाएगी. बल्कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के प्रावधानों का पालन किया जाएगा. राज्य सरकार के इस जवाब के बाद न्यायालय ने याचिका को निस्तारित कर दिया है.
आयुष किशोर के खिलाफ दर्ज मामले में सीधे गिरफ्तार नहीं करेगी पुलिस: राज्य सरकार
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष सांसद कौशल किशोर के पुत्र आयुष किशोर की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि आयुष के खिलाफ दर्ज एफआईआर में लगी धाराओं के तहत सजा सात साल तक की है. लिहाजा उसकी सीधे गिरफ्तारी नहीं की जाएगी.
आयुष किशोर.
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश आयुष किशोर की याचिका पर दिया. याची ने मड़ियांव थाने में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती दी थी. याची की ओर से अंतरिम राहत के तौर पर गिरफ्तारी पर रोक लगाने की भी मांग की गई थी. उल्लेखनीय है कि आयुष किशोर के खिलाफ मड़ियांव थाने में आईपीसी की धारा 120बी, 420 और 505(1)(बी) के तहत पुलिस ने एफआईआर दर्ज की हुई है.
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