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दुश्मन को गोली के निशाने पर लिए बैठा हूं....

दुश्मन को गोली के निशाने पे लिए बैठा हूं. मेरी ज़िन्दगी को मैं मौत के मुहाने पे लिए बैठा हूं. दफन कर दूंगा हर कोशिश मैं दुश्मन-ऐ-हिन्द की. मेरे देश की दुआओं का मैं तूफ़ान लिए बैठा हूं. पढ़िए भारतीय सेना के शौर्य पर 40 शायरी

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Published : Sep 22, 2021, 7:25 AM IST

सेना पर शायरी
सेना पर शायरी

रिव्वायत सी बन गयी हैं

देशभक्ति तो जनाब

बस लोग तारीखों पर फर्ज अदा करते हैं.

जय हिन्द

हम चैन से सो पाए इसलिए ही वो सो गया,

वो भारतीय फौजी ही था जो आज शहीद हो गया.

जय हिन्द

मारी दिवाली में रोशनी इसलिए हैं क्योंकि सरहद पर अँधेरे में कोई खड़ा हैं.

जय हिन्द

एक सैनिक ने क्या खूब कहा है.

किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,

मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,

मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,

मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।

जय हिन्द

जहाँ हम और तुम हिन्दू-मुसलमान के फर्क में लड़ रहे हैं,

कुछ लोग हम दोनों के खातिर सरहद की बर्फ में मर रहे हैं.

नींद उड़ गया यह सोच कर, हमने क्या किया देश के लिए,

आज फिर सरहद पर बहा हैं खून मेरी नींद के लिए.

जय हिन्द

जहर पिलाकर मजहब का, इन कश्मीरी परवानों को,

भय और लालच दिखलाकर तुम भेज रहे नादानों को,

खुले प्रशिक्षण, खुले शस्त्र है खुली हुई शैतानी है,

सारी दुनिया जान चुकी ये हरकत पाकिस्तानी है,

जय हिन्द

फ़ौजी की मौत पर परिवार को दुःख कम और गर्व ज्यादा होता हैं,

ऐसे सपूतो को जन्म देकर माँ का कोख भी धन्य हो जाता हैं.

जिसकी वजह से पूरा हिन्दुस्तान चैन से सोता हैं,

कड़ी ठंड, गर्मी और बरसात में अपना धैर्य न खोता हैं.

जय हिन्द

कभी ठंड में ठिठुर कर देख लेना,

कभी तपती धूप में जल के देख लेना,

कैसे होती हैं हिफ़ाजत मुल्क की,

कभी सरहद पर चल के देख लेना

जय हिन्द

जब हम तुम अपने महबूब की आँखों में खोये थे,

जब हम तुम खोयी मोहब्बत के किस्सों में खोये थे,

सरहद पर कोई अपना वादा निभा रहा था,

वो माँ की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा था.

जय हिन्द

मिलते नही जो हक वो लिए जाते हैं,

है आजाद हम पर गुलाम किये जाते हैं,

उन सिपाहियों को रात-दिन नमन करो,

मौत के साए में जो जिए जाते हैं.

जय हिन्द

सीमा नहीं बना करतीं हैं काग़ज़ खींची लकीरों से,

ये घटती-बढ़ती रहती हैं वीरों की शमशीरों से.

जय हिन्द

हर पल हम सच्चे भारतीय बनकर देश के प्रति अपना फर्ज निभायेंगे.

जरूरत पड़ी तो लहू का एक-एक कतरा देकर इस धरती का कर्ज चुकायेंगे.

जय हिन्द

सरहद पर एक फौजी अपना वादा निभा रहा हैं,

वो धरती माँ की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा हैं.

जय हिन्द

अपना घर छोड़ कर, सरहद को अपना ठिकाना बना लिया,

जान हथेली पर रखकर, देश की हिफाजत को अपना धर्म बना लिया.

जय हिन्द

मेरे जज्बातों से मेरा कलम इस कदर वाकिफ हो जाता हैं,

मैं इश्क भी लिखना चाहूँ तो इन्कलाब लिखा जाता हैं.

जय हिन्द

मरने के बाद भी जिसके नाम मे जान हैं,

ऐसे जाबाज़ सैनिक हमारे भारत की शान है

देश के उन वीर जवानों को सलाम

जय हिन्द

जो सुरक्षा का एहसास दिलाते हैं,

जो हथेली पर रखकर जान,

हमारी हिफाजत का जिम्मा उठाते हैं.

जय हिन्द

चीर के बहा दूं लहू दुश्मन के सीने का ,

यही तो मजा है फौजी होकर जीने का.

जय हिन्द

तन की मोहब्बत में, खुद को तपाये बैठे हैं,

मरेंगे वतन के लिए, शर्त मौत से लगाये बैठे हैं

जय हिन्द

फौजी भी कमाल के होते हैं,

जेब के छोटे बटुए में परिवार,

और दिल मे सारा हिंदुस्तान रखते हैं,

चंदन, वंदन , अभिनंदन Indian Army

जय हिन्द

जिनमे अकेले चलने के हौसले होते हैं ।

एक दिन उन्ही के पीछे काफिले होते हैं ।।

सेना है तो हम हैं

जय हिन्द

हरयाणवी फौजी स्टेटस

जो पूरी रात जागते हो, यो जरूरी कोणी के वो आशिक हो.

कुछ देश प मिटन आले फौजी भी होया करै.

जय हिन्द

या तो मै तिरंगा गाड़ कै आऊंगा.

या फेर तिरंगा मै लिपट कै आऊंगा.

जय हिन्द

आसान कोनी फौजी बनना,

दूसरा की खुशियां खातर मरना पड़ा करै.

जय हिन्द

आसान कोनी फौजी कहलाना,

रगो में जज्बातां की जगा लोह भरना पड़ा करै.

जय हिन्द

जिसकी वजह त सारा देश चैन की साँस सोया करै.

वो फौजी होया करै.

जय हिन्द

दूध मांगोगे तो खीर देवांगे,

कश्मीर मांगेंगे तो लाहौर भी खोस लेवांगे.

जय हिन्द

जो खतरा त लड़ा करे वो खिलाडी होया करै.

पर जो गर्दन कटे बाद भी दुश्मन न मारा करै वो फौजी होया करै.

जय हिन्द

वो ज़िन्दगी ए के जिसमे देश भक्ति ना हो.

अर वा मौत ए के जो तिरंगे म ना लिपटी हो.

जय हिन्द

वा छोरी खुशकिस्मत होया करै,

जिसका पति फौजी होया करै.

जय हिन्द

कभी ठण्ड में ठिठुर कर देख लेना

कभी तपती धुप में जल के देख लेना

कैसे होती है हिफाजत मुल्क की

कभी शरहद पर चलकर देख लेना

जय हिन्द

फौजी भी कमाल के होते है

अपने छोटे से पर्स में

अपना सारा परिवार छुपा के रखते है

और दिल में पूरा हिंदुस्तान

जय हिन्द

मुझे ना तन चाहिए ना धन चाहिए

बस अमन से भरा यह वतन चाहिए

जब तक जिन्दा रहू इस मातृ-भूमि के लिए

और जब मरू तो तिरंगा कफन चाहिए

जय हिन्द

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