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Scholarship Scam : सिर्फ कागजों में चल रहे कॉलेज, फर्जी दाखिला दिखा कर हड़पते थे स्कॉलरशिप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को यूपी में हुए 75 करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले में काफी अहम जानकारी मिली है. ईडी के अधिकारी मंगलवार को राजधानी के हरदोई रोड स्थित हाइजिया ग्रुप के कॉलेज लखनऊ कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन में पहुंचे थे.

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Published : May 11, 2023, 10:11 AM IST

लखनऊ : यूपी में हुए 75 करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले में जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंगलवार को छापेमारी के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य मिले. ईडी जब राजधानी के हरदोई रोड स्थित हाइजिया ग्रुप के कॉलेज लखनऊ कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन पर छापेमारी करने पहुंची तो वेबसाइट पर दिए गए पते पर कॉलेज की बिल्डिंग ही नहीं मिली. हालांकि एजेंसी ने इसी ग्रुप के ने संस्थान हाइजिया फार्मेसी कॉलेज में रेड की तो इस दौरान कॉलेज लखनऊ कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन (एलसीएमई) के महज कागजों में दर्ज छात्रों की 2500 से अधिक मार्कशीट, डिग्री, 500 से अधिक डिप्लोमा कोर्सेज के सर्टिफिकेट मिले.

हाइजिया ग्रुप के फार्मेसी कॉलेज में ईडी छापेमारी करने पहुंची तो वहां एडमिन ऑफिस में रद्दी के ढेर में डिग्री, मार्कशीट और सर्टिफिकेट मिले. ईडी को शक है कि हाइजिया ग्रुप ने महज कागजों में कई कॉलेज खोल कर ने इसी तरह कई अन्य फर्जी कॉलेज खोले हैं, जिनको केवल छात्रों का फर्जी दाखिला दिखाया और फिर करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति हजम कर ली. ईडी अब ऐसे हाइजिया ग्रुप के कॉलेज का पता लगा रही है जो सिर्फ वेबसाइट में दर्ज है लेकिन अस्तित्व में है ही नहीं.



छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर लखनऊ के हजरतगंज में दर्ज एफआईआर की जांच के लिए संयुक्त पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था ने टीम नामित की है जो इस घोटाले से जुड़े सभी तथ्य इकट्ठा कर रही है. सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने समाज कल्याण, अल्पसंख्यक विभाग और पिछड़ा वर्ग विभाग से छात्रवृत्ति को लेकर दस्तावेज तलब किए थे जो पुलिस को विभागों ने मुहैया करा दिया है. सूत्रों के मुताबिक अब तक दस्तावेजों के मिलन से सामने आया है कि छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल सभी कॉलेज प्रबंधकों ने जम कर बंदरबांट को है. हालांकि घोटाले की रकम उतनी अधिक नहीं है जितनी बताई जा रही है. वहीं लखनऊ पुलिस की जांच टीम ने ईडी को भी पत्र लिख कर वो सभी तथ्य मांगे हैं जो उन्हे इस केस की जांच के दौरान प्राप्त हुए है.


गौरतलब है कि वर्ष 2015 से राज्य व केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक की पोस्ट मैट्रीकुलेशन छात्रवृत्ति को कई नर्सिंग और इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट ने हड़प ली थी. जांच में सामने आया था कि छात्रवृति के लिए बैंक में खोले गए अकाउंट में जैसे मेल आईडी और मोबाइल नंबर एक ही दिए गए थे. इसके अलावा बैंक के एकाउंट कुछ नाबालिग और बुजुर्गों के नाम भी थे. जिनसे कई लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गए थे. इसके बाद 10 सस्थानों, फिनो बैंक के अधिकारी समेत 18 लोग नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. छात्रवृति गबन करने के लिए खोले 3000 बैंक अकाउंट भी खोले गए थे.


इन पर दर्ज हुई थी FIR

एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मामपुर के चेयरमैन प्रवीण चौहान, एजुकेशन सोसाइटी एंड हाइजिया के वाइस प्रेसीडेंट इजहार हुसैन जाफरी, इसी ग्रुप में अली अब्बास जाफरी, सईद इशरत हुसैन जाफरी, हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के रवि प्रकाश गुप्ता व ग्रुप से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी, लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन के संचालक, डॉ. ओमप्रकाश ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन फर्रुखाबाद के चेयरमैन गुप्ता, डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी हरदोई के सेक्रेटरी रामगोपाल, आरपीपी इंटर कॉलेज हरदोई के प्रबंधक पूनम वर्मा, ज्ञानवती इंटर कॉलेज हरदोई विवेक कुमार पटेल, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौसगंज कछौना हरदोई के विवेक कुमार जगदीश प्रसाद वर्मा, फिनो पेमेंट बैंक के एरिया मैनेजर सचिन दुबे, एजेंट मो. साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह शामिल है.



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