लखनऊ :अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथ गुलाम के एनकाउंटर के बाद से ही उत्तर प्रदेश में सियासत तेज है. अखिलेश यादव ने जहां एक तरफ इसे धर्म से जोड़ते हुए योगी सरकार को भाईचारे के खिलाफ बताया तो पूरी बीजेपी और उसके सहयोगी दल समाजवादी पार्टी पर हमलावर हो गई है. निषाद पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने शनिवार को कहा कि अतीक के बेटे असद और गुर्गों ने जिन उमेश पाल और गनर संदीप निषाद की हत्या की थी वो दोनों ही पिछड़ी जाति से थे. उनके घर तक इन विपक्षी दल के नेता नहीं गए थे.
पिछड़ी जाति के हत्यारों के एनकाउंटर को झूठा कह रहे अखिलेश : संजय निषाद
उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर को लेकर इन दिनों सियासत तेज हो गई है. अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथ गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराने को लेकर सपा ने भाईचारे के खिलाफ बताकर नई बहस छेड़ दी है. वहीं भाजपा इसे लेकर हमलावर हो गई है.
निषाद ने कहा कि योगी सरकार क्राइम के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के आधार पर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार आज भ्रष्टाचार मुक्त, माफिया मुक्त, गुंडा मुक्त, भय मुक्त और अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश की और ले जा रहे हैं, लेकिन सपा-बसपा की सरकार के समय अपराधियों को संरक्षण दिया जाता था. अपराधी भयमुक्त खुलेआम अपराध करके घूमता था. कैबिनेट मंत्री निषाद ने कहा कि आज अपराधियों और माफिया पर नकेल कसी जा रही है तो सपा-बसपा के पेट मे दर्द हो रहा है.
प्रेस कांफ्रेंस में निषाद ने कहा कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पिछड़ों और दलितों के नाम पर राजनीति करके 30 साल तक शासन किया, लेकिन उमेश पाल और उनके गनर संदीप निषाद दोनों ही पिछड़ी जाति से आते थे. किसी विपक्षी पार्टी को उनके प्रति सहानुभूति नहीं है. विपक्षी पार्टियों को अपराधियों के संरक्षण और उनके प्रति प्रेम जगजाहिर करने में व्यस्त है. उन्होंने कहा कि अतरौलिया विधानसभा से सपा के स्थानीय विधायक तक शहीद संदीप निषाद के घर तक संवेदना व्यक्त करने नहीं गए. शहीद और पुलिस किसी सरकार के नहीं होते हैं वे इस प्रदेश और देश के लिए अपने दायित्व को निभाते हुए शहीद हुआ है, लेकिन विपक्ष को राजनीति करनी है. शहीद को श्रद्धांजलि देना उनके बस की बात नहीं, केवल शहीदों का अपमान करना जानती है सपा-बसपा.
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