लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को कृषि भवन में नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन, कृषि यंत्रीकरण, परंपरागत कृषि विकास योजना, खेत तालाब आदि योजनाओं के आय-व्यय की समीक्षा की. उन्होंने योजनाओं के लिये स्वीकृत धनराशि का उपभोग सुनिश्चित करते हुए योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाने के निर्देश दिए.
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस को लखनऊ में किसान सम्मान दिवस के रूप में मनाया जायेगा. कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं किसानों के बीच पहुंचाई जाएं, जिससे अधिक से अधिक किसान सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हो सकें.
खाद्य एवं रसद विभाग डिजिटल इण्डिया अवार्ड के लिए चयनित
उत्तर प्रदेश खाद्य एवं रसद विभाग का चयन डिजिटल इंडिया अवार्ड के लिए हुआ है. यह पुरस्कार राष्ट्रपति 30 दिसंबर को देंगे. खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत गेहूं-धान और मक्का की खरीद व्यवस्था में कंप्यूटराइजेशन तकनीक का उपयोग करते हुए किसानों से खरीदे गेहूं धान की ऑनलाइन व्यवस्था किए जाने के लिए यह पुरस्कार खाद्य रसद विभाग को मिलेगा.
प्रदेश में 39.60 लाख मैट्रिक टन धान की हुई खरीद
राज्य सरकार ने खरीफ क्रय वर्ष 2020-21 में मूल्य समर्थन योजना के तहत स्थापित किये गये धान क्रय केन्द्रों के माध्यम से अब तक 39 लाख, 60 हजार, 906 मैट्रिक टन धान की खरीद सीधे किसानों से की. इसका भुगतान किसानों के खाते में कर दिया गया.
पशुओं की समस्याओं के लिए पशुधन ने जारी किया टोल फ्री नंबर
उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग द्वारा शीतलहर के कुप्रभाव से पशु-पक्षियों को सुरक्षित करने के लिए पशुपालकों में जागरूकता फैलाते हुए पशुओं की देखभाल के लिए आवश्यक जानकारियों का प्रचार-प्रसार किये जाने के लिए प्रदेश के सभी मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि आवश्यक उपायों को अपनाकर पशुपालक आर्थिक क्षति से बच सकें. पशुओं से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान और जानकारी के लिए पशुपालन निदेशालय के पशुधन समस्या निवारण केन्द्र के टोल फ्री नंबर 18001805141 पर संपर्क किया जा सकता है.
नीर निर्मल योजना की 228 योजनाएं पूरी
विश्व बैंक की सहायता से नीर-निर्मल परियोजना संचालित की जा रही है, जिसकी कुल परियोजना लागत 2035 करोड़ रुपये है. इस परियोजना के प्रथम बैच में प्रदेश के पूर्वी अंचल के आर्सेनिक/फ्लोराइड प्रभावित जनपद कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, गोण्डा, इलाहाबाद, बस्ती, बहराइच, बलिया एवं गाजीपुर सम्मिलित किये गये हैं. विश्व बैंक पोषित इस योजना के प्रथम बैच की 233 निर्माणाधीन योजनाओं में से 228 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं.
बताते चलें कि प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है. यही कारण है कि प्रदेश सरकार के मंत्रियों अधिकारी लगातार बैठक कर किसानों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं.