लखनऊ:कई शहरों में वेतन विसंगतियों को दूर करने सहित 13 मांगोको लेकर लेखपालों ने मोटरसाइकिल के माध्यम से प्रदर्शन किया. लेखपालों ने शहर भ्रमण के दौरान अपनी मांग को लेकर नारेबाजी की. वहीं सरकार को चेतावनी दी कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो हम पूर्ण रूप से कार्य स्थगित करेंगे.
फतेहपुर:जनपद कीसदर तहसील में लेखपालों ने धरना प्रदर्शन कर अपनी प्रमुख मांगो को रखा. लेखपाल संघ ने कहा कि ऐसी विसंगतियों को दूर किया जाय. इसके साथ ही वेतन उच्चीकरण, प्रोन्नति काडर रिव्यू, पेंशन विसंगति, भत्ते, लेखपाल का पदनाम प्रवर्तन जैसे 13 मांगो को रखा.
लेखपालों ने अपनी मांग एसडीएम को ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री को दिया. इनकी मांग है कि सरकार हमारी मांगे जल्द से जल्द पूरी करे वर्ना हम लोग पूर्ण कार्य बहिष्कार को मजबूर होंगे.
प्रदेश में लेखपालों की भर्ती जल्द की जाय, जिससे एक व्यक्ति पर कई गांव के कार्य का भार है, उससे मुक्ति मिले. कार्य अधिक होने से मानसिक दबाव बढ़ रहा है, जिससे हम बीमार पड़ रहे हैं सरकार को हमारी कोई चिंता ही नहीं है.
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हमारी प्रमुख मांग वेतन विसंगति है. हम चाहते हैं एक पद पर काम करने वाले सभी लोगों का एक समान वेतन हो. वहीं हमारे ऊपर कार्य का दबाव अधिक रहता है. कई अन्य विभाग के कार्य करवाए जाते हैं. इससे मुक्ति मिले
कन्हैया पाल, लेखपाल
उन्नाव:जनपद में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ शाखा बीघापुर के लेखपालों ने अध्यक्ष सतीश कुमार सिंह के नेतृत्व में तहसील बीघापुर मुख्यालय से तहसील पाटन में रैली निकालकर कार्य बहिष्कार किया.
लेखपाल संघ के अध्यक्ष सतीश सिंह का कहना है कि हमारी मांगे जो कि अधिकारियों द्वारा उचित मानी गई है. उसके बावजूद सरकार की हीला हवालीके कारण उन पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है. उन्हें नजर अंदाज किया जाता है.
पूर्व में 8 सूत्रीय ज्ञापन लेखपालों द्वारा दिया जा चुका है, जिनमें लेखपालों को दिया जाने वाला साइकिल भत्ता जो कि100 रुपया महीना है. स्टेशनरी के लिए मिलने वाला खर्च भी 100रुपया महीना है जो कि बहुत समय पहले से चला रहा है.
सभी लेखपाल क्षेत्र में आने-जाने और स्टेशनरी में हजारों रुपया खर्च करते है. इस तरह वेतन में विसंगतियां और पदनाम भी आठ सूत्रीय मांगों में शामिल है.
राजस्व परिषद के अधिकारियों द्वारा हमारी मांगों को जायज मानने के बाद भी सरकार केवल लापरवाही कर रही है और उत्तर प्रदेश के लेखपालों को नजरअंदाज कर रही है. लेखपाल विपरीत परिस्थितियों में भी जनता के बीच जाकर कार्य करते हैं. उसको भी सरकार अनदेखा कर रही है. इस बार उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ हम लोगों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.
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अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी गई तो प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार आगे जी रणनीति बनाई जाएगी. आज सभी लेखपालों ने रैली निकालकर सरकार को चेताने का प्रयास किया है. हम लोगों से क्षेत्र के अतिरिक्त भी कार्य लिया जाता है. हम लोगों ने 5 नवंबर से अतिरिक्त का कार्य बंद कर दिया है.जब तक ये हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी, हम लोग कार्य नहीं करेंगे.
-सतीश कुमार सिंह, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश लेखपाल