लखनऊ: देश की सबसे बड़ी सियासी पंचायत यानी संसद में उत्तर प्रदेश के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति काफी कम रही. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के सांसद भी संसद से काफी गायब रहे. बीजेपी के कई ऐसे चर्चित चेहरे रहे जो संसद में उपस्थिति के राष्ट्रीय औसत 80 फीसद से भी कम संसद पहुंचे. ऐसे में सवाल उठता है कि यह सभी सांसद अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं और विकास कार्यों को लेकर संसद में आवाज बुलंद नहीं कर पाए.
मथुरा से सांसद और फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी की संसद में उपस्थिति मात्र 39 फीसद रही. ऐसे में समझा जा सकता है कि हेमा मालिनी ने अपने संसदीय क्षेत्र मथुरा के जनहित से जुड़े मुद्दे या अन्य समस्याओं को लेकर किस प्रकार से आवाज बुलंद की होगी. जब वह संसद में ठीक ढंग से अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज करा पाईं, तो समस्याओं को लेकर वह किस प्रकार से आवाज बुलंद कर पाई होंगी.
इसी तरह सुल्तानपुर से भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी की संसद में उपस्थिति मात्र 75 फीसद ही रही. वरुण गांधी बीजेपी के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं और वह बीजेपी राष्ट्रीय युवा मोर्चा के महामंत्री जैसे तमाम पदों पर भी रह चुके हैं. वरुण गांधी भी तमाम मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं और अपनी अलग राय रखते रहे हैं लेकिन संसद में उपस्थित होने के मामले में फिसड्डी साबित हो गए.