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यूपी भाजपा में 15 से पहले बदले जाएंगे संगठन और सरकार के बड़े चेहरे, जानिए इसके पीछे की रणनीति

लोक सभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी अगले 15 दिनों के भीतर कुछ सांगठनिक और सरकार के भीतर बदलाव करने के मूड में है. सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोर शोर से शुरू हो गई है.

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Published : Jul 6, 2023, 12:51 PM IST

भाजपा संगठन और सरकार में बदलाव. जानिए विश्लेषक की राय

लखनऊ :भाजपा यूपी में बड़े बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है. राज्य के कई बड़े नेता केंद्रीय संगठन का हिस्सा बन जाएंगे. उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में चल रही कयासबाजी पर गौर करें तो प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी वापस सरकार का हिस्सा हो सकते हैं. दूसरी ओर ब्राह्मण चेहरा कहे जाने वाले उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को राज्यसभा के जरिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा की जा रही है. जिसका सीधा अर्थ है कि उत्तर प्रदेश में डिप्टी सीएम नहीं होगा. केवल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल के साथ पूरा कामकाज संभालेंगे. पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा केंद्रीय संगठन में होंगे औऱ पूर्व मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह भी इसी सूची में हैं. इनके अलावा यूपी के कुछ राज्यसभा नेता मंत्री बन सकते हैं. अगर उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की हलचल पर गौर किया जाए तो 15 जुलाई से पहले बहुत बड़े परिवर्तनों की आहट महसूस की जा रही है.

यूपी भाजपा में बदलाव की आहट.

भारतीय जनता पार्टी ने स्वतंत्र देव सिंह के बाद मुरादाबाद के रहने वाले भूपेंद्र सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. भूपेंद्र सिंह चौधरी एमएलसी हैं. अध्यक्ष होने से पहले हुए मंत्री भी थे. मंत्री बनने के बाद उन्होंने अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था. भाजपा के एक धड़े द्वारा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य जैसे पिछड़े चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी एक बड़ा संदेश देना चाहती है. प्रदेश में पिछड़े वर्ग के 50% से अधिक वोटर हैं. इसलिए केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं.

यूपी भाजपा में बदलाव की आहट.

वर्ष 2014 में जब लोकसभा चुनाव हुए तब केशव मौर्य ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के अध्यक्ष थे. भाजपा ने अपने गठबंधन के साथ ही अपना दल के साथ उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 सीटें जीती थीं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा बसपा गठबंधन को देखते हुए भाजपा 80 में से 64 सीट ही जीत सकी थी. भारतीय जनता पार्टी ने इस बार लोकसभा चुनाव में 75 प्लस का आंकड़ा अपने सामने रखा है. जिसके लिए भाजपा को एक बड़े पिछड़े चेहरे की तलाश है. जहां तक बात जाट चेहरे की है. सूत्र बता रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी भविष्य में जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन करके भूपेंद्र सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष से हटाने को लेकर होने वाले नुकसान से बच सकती है. इसलिए केशव प्रसाद मौर्य को सुना जा सकता है.

भाजपा संगठन और सरकार में बदलाव की आहट. फाइल फोटो



उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक उत्तर प्रदेश में एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं. भारतीय जनता पार्टी अब उनको केंद्र की राजनीति में सक्रिय करना चाहती है. संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में उनको स्थान दिया जा सकता है. इसलिए फिलहाल उनको राज्यसभा से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उनको उत्तर प्रदेश की किसी सीट से चुनाव लड़ा कर फिर मजबूत स्थिति में लाया जाएगा. ऐसे में ब्राह्मण वोटर के बीच में भारतीय जनता पार्टी एक बड़ा संदेश देने की इच्छुक मानी जा रही है. हाल ही में बृजेश पाठक ने दिल्ली जाकर अमित शाह से भी मुलाकात की है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी में बड़े परिवर्तन होंगे. अनेक नेता संगठन और सरकार से बदल जाएंगे. कुछ केंद्र में राजनीति करेंगे. देखने वाली बात यह है कि यह परिवर्तन कब तक होगा.

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