लखनऊ: खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में 120 करोड़ रुपए का टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले मुख्य आरोपी आशीष राय से पुलिस की एक टीम ने लखनऊ जेल पहुंचकर पूछताछ की है. पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं. बताते चलें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में नमक की सप्लाई के टेंडर दिलाने के नाम पर अहमदाबाद के व्यापारी नरेंद्र भाई पटेल से ठगी की गई थी. जिसको लेकर हजरतगंज थाने में पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे के निर्देशों पर एफआईआर दर्ज की गई थी.
एफआईआर में आशीष राय को आरोपी बनाया गया था. आशीष राय पहले ही पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर हुए घोटाले में आरोपी था और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस को जेल में भेज दिया था. अब जांचकर्ता अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर किए गए फ्रॉड को लेकर आशीष राय से पूछताछ की है. जांचकर्ता अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ में व्यापारी के साथ किए गए प्लॉट के संदर्भ में कई अहम जानकारियां मिली हैं.
सरकारी विभाग में टेंडर के नाम पर अहमदाबाद के व्यापारी को शिकार बनाया गया था. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में 120 करोड़ रुपए के टेंडर को लेकर अहमदाबाद के व्यापारी नरेंद्र भाई पटेल से ठगी की गई थी. इनसे विभाग में नमक की आपूर्ति इस घोटाले में भी पशुधन घोटाले के आरोपी आशीष राय का हाथ सामने आया है. घोटाले को अंजाम देने में आशीष राय की भूमिका खास रही है.
विभाग में टेंडर दिलाने के लिए घोटाले की शुरुआत दिल्ली से शुरू हुई थी. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार व्यापारी नरेंद्र की अहमद नाम के व्यक्ति ने यूपी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में टेंडर दिलाने के लिए सुनील गुर्जर से दिल्ली के कनॉट प्लेस में मीटिंग कराई थी. कनॉट प्लेस में पहली मीटिंग के बाद कलीम के कहने पर नरेंद्र को लखनऊ लाया गया. लखनऊ गोमती नगर स्थित एक होटल में व्यापारी की आशीष राय, रितु ज्योति, राघव, एके अग्निहोत्री, लोकेश मिश्रा से मुलाकात कराई और टेंडर दिलाने को लेकर फाइनल बातचीत हुई. इस दौरान टेंडर के बदले कमीशन भी तय हुआ. व्यापारी को विश्वास में लेने के लिए उसे कई बार विधानसभा भी ले जाया गया और वहां पर एक साथी को अधिकारी बना कर पेश किया गया.