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पीडियाट्रिक सर्जरी दिवस : जन्मजात बीमारियों के कारण बढ़ रही देश में शिशु मृत्यु दर

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन्स के 58वें स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस दौरान देश में शिशु मुत्यु दर बढ़ने पर चिकित्सकों ने अपने विचार रखे. चर्चा में यह बात सामने आई कि शिशुओं की मौत की असली वजह जन्मजात बीमारियां हैं. इनको लेकर लोगों में अब भी जागरूकता का अभाव है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 30, 2023, 11:20 AM IST

लखनऊ : देश में शिशु मृत्युदर कम होने के बजाय बढ़ रही है. इसके पीछे की वजह 10 प्रतिशत जन्मजात बीमारियां हैं. इन बीमारियों का इलाज कर नवजात बच्चों की जान बचाई जा सकती है, लेकिन इसके लिए सरकार को बच्चों में होने वाले जन्मजात विकृतियों के इलाज के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था करनी होगी. यह कहना है किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) स्थित पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एचओडी प्रो. जेडी रावत का. वह संस्थान में शुक्रवार को इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन्स के 58वें स्थापना दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम में जानकारी साझा कर रहे थे.

इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन्स का 58वां स्थापना दिवस कार्यक्रम.

प्रो. जेडी ने बताया कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन्स के स्थापना दिवस को ही पीडियाट्रिक सर्जरी दिवस मनाया जाता है. उन्होंने बाताया कि नवजात बच्चों के इलाज में आर्थिक समस्या लोगों के सामने आती है. जन्म लेने वाले बच्चें में कोई जन्मजात बीमारी होने पर आयुष्मान कार्ड से लेकर किसी योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं उपलब्ध है. इसलिए नवजात बच्चों के लिए भी ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए. जिससे उनको समय रहते इलाज मिल सके. समय पर इलाज मिलने से बच्चों की जान बचाई जा सकेगी.

इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन्स का 58वां स्थापना दिवस कार्यक्रम.
प्रो.जेडी ने बताया कि आधुनिक पीडियाट्रिक सर्जरी कई जटिल बीमारियों से निपटने में सक्षम है. जिसमें 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों में मूत्र, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, छाती, न्यूरोसर्जिकल समस्याओं समेत विभिन्न जन्म दोष शामिल हैं. कीहोल, एंडोस्कोपिक, लेप्रोस्कोपिक, पीडियाट्रिक एनेस्थीसिया, उच्च स्तरीय गहन देखभाल और रोबोटिक सर्जरी जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के चलते यह विधा सुरक्षित और कारगर उपचार प्रदान करने में सफल हुई है.

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