लखनऊ: सरकार की तरफ से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए निःशुल्क एंबुलेंस सेवाएं चलाई जा रही हैं. वहीं कर्मचारियों और प्राइवेट एंबुलेंस के मालिकों की जालसाजी के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
लखनऊ: कुछ यूं होता है मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों तक ले जाने का गोरखधंधा - लखनऊ न्यूज
राजधानी लखनऊ में सरकारी अस्पताल आने वाले मरीजों को बरगलाकर निजी अस्पतालों तक ले जाने का गोरखधंधा जोरों पर है. वहीं विभाग के आलाधिकारियों को मामले की जानकारी होने के बावजूद भी वे कोई कार्रवाई करने से बचते नजर आ रहे हैं.
प्राइवेट हॉस्पिटल्स के एंबुलेंस चालक जिला अस्पताल और जिला महिला अस्पताल तक के बाहर काफी सक्रिय रहते हैं. वे दूरदराज से आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को बरगलाकर प्राइवेट हॉस्पिटल का रास्ता दिखा देते हैं. इस खेल में जिला अस्पताल और महिला अस्पताल के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं, जो कमीशन के चक्कर में मौका देख मरीजों को इन एंबुलेंस संचालकों के हवाले कर देते हैं.
वहीं, स्वास्थ्य विभाग इस बारे में सबकुछ जानते हुए भी खामोश बैठा है. यहां तक कि केजीएमयू के सीएमएसडॉ. एसएन शंखवार ने खुद तीमारदारों के ब्रेन वॉश की बात कबूली है. वहीं प्राइवेट एंबुलेंस के ड्राइवर ने भी पहचान छुपाने की शर्त पर कई बातें बताईं, जिनसे स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुल गई. उसने बताया कि कैसे वह सरकारी अस्पतालों के बाहर खड़े होकर वहां आने वाले मरीजों को प्राइवेट अस्पताल तक ले जाता है. इतना ही नहीं कई ऊपर के लोग भी इसमें उसकी मदद करते हैं.