लखनऊ:भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की बहुप्रतीक्षित प्रदेश कार्यकारिणी का गठन जल्द होने की उम्मीद जताई जा रही है. बीजेपी की नई कार्यकारिणी के गठन में सबसे खास बात यह होगी कि इसमें युवा चेहरे और सामाजिक समीकरणों के साथ-साथ जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों के संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा, जिससे मिशन 2022 में ये सभी दोबारा सरकार बनाने में बेहतर काम करने के साथ ही और अपने समाज में संदेश दे सकें.
नई टीम की संभावित सूची पर केंद्रीय नेतृत्व की लगी मुहर
स्वतंत्र देव सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अब नई टीम का गठन किया जाएगा. प्रदेश बीजेपी की नई टीम के गठन को लेकर प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श कर चुके हैं. नई टीम की संभावित सूची पर केंद्रीय नेतृत्व की मुहर भी लग चुकी है. इसके बाद अब किसी भी दिन नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया जा सकता है.
युवा चेहरों को मिलेगी तरजीह
सूत्र बताते हैं कि वर्तमान प्रदेश टीम में शामिल ज्यादातर चेहरे एक बार फिर प्रदेश बीजेपी संगठन में काम करेंगे और स्वतंत्र देव सिंह की टीम में शामिल होने वाले हैं. वहीं इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि एक या दो चेहरों को केंद्रीय टीम में जगह मिल सकती है. इसके अलावा टीम में शामिल कई युवा चेहरों के संगठन में कामकाज की बेहतर परफॉर्मेंस को देखते हुए उन्हें प्रमोट कर प्रदेश महामंत्री या प्रदेश उपाध्यक्ष भी बनाए जाने की तैयारी है. इनमें दो प्रदेश मंत्री शामिल है, जिसमें एक ब्राह्मण और एक ओबीसी के नाम की चर्चा है. इसके अलावा यूपी भाजपा की मीडिया टीम में शामिल एक या दो प्रवक्ता को मुख्य धारा में लाते हुए प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान दिए जाने की भी तैयारी है. हालांकि इसमें एक नाम को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है.
'एक व्यक्ति, एक पद' के सिद्धांत पर होगा काम
डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे की टीम में शामिल रहे प्रदेश महामंत्री अशोक कटारिया (परिवहन मंत्री) व प्रदेश महामंत्री नीलिमा कटियार (उच्च शिक्षा राज्यमंत्री) योगी सरकार में मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं. ऐसी स्थिति में अब इन्हें नई टीम से पूरी तरह से मुक्त किया जाएगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले प्रदेश उपाध्यक्ष रहे संजीव बालियान केंद्र सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें भी अब नई टीम में स्थान नहीं मिलेगा. यह सब भारतीय जनता पार्टी में 'एक व्यक्ति एक पद' के सिद्धांत के अंतर्गत किया जाएगा.
अनुसूचित और पिछड़ा मोर्चा में नए अध्यक्ष की होगी तैनाती
'एक व्यक्ति एक पद' के सिद्धांत के अंतर्गत सरकार के कई आयोग व निगम में दायित्व संभाल रहे बोर्ड के चेयरमैन या निगम में सदस्यों को भी नई टीम में जगह नहीं मिलने की बात कही जा रही है. हालांकि इनमें कई चेहरे आयोग और बोर्ड में अपने जिम्मेदारी को छोड़कर प्रदेश संगठन में काम करेंगे. इसके अलावा पार्टी के अनुसूचित मोर्चे व पिछड़ा मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष के सांसद होने की वजह से इन्हें भी टीम में स्थान नहीं दिया जाएगा. इन दोनों मोर्चों में नए प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती की जाएगी. साथ ही इस बात के भी संकेत हैं कि पार्टी के एक-दो पदाधिकारियों को क्षेत्रीय टीमों में भेजा जा सकता है.