लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने परिचालकों के हाथ से पुरानी इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन हटाकर नई एंड्राइड मशीनें थमाई हैं. मकसद था कि इन एंड्राइड मशीनों से कंडक्टरों को सहूलियत मिलेगी, लेकिन एंड्राइड मशीनें रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही हैं. हर रोज रोडवेज को कई लाख का नुकसान इन मशीनों से हो रहा है. दरअसल, यह मशीनें स्मार्ट एमएसटी और ओपन एंडेड कार्ड रीड ही नहीं कर रही हैं.
रोज होते हैं विवाद
पिछले 2 महीने से एमएसटी कार्ड धारक और ओपेन एंडेड कार्ड धारक पैसेंजर इन एंड्राइड ईटीएम की वजह से मुफ्त में ही यात्रा का लुत्फ उठा रहे हैं. कार्डधारकों को जब यह जानकारी हो गई कि नई ईटीएम कार्ड रीड नहीं कर रही, ऐसे में रिचार्ज कराना छोड़ दिया और कार्ड से पैसे काटने की बात कहकर यात्रा करने की जिद पर अड़ जाते हैं. रोजाना ही बस में कंडक्टर और कार्डधारकों के बीच इसे लेकर विवाद पैदा हो रहे हैं.
नई एंड्राइड टिकटिंग मशीनें नहीं रीड कर पा रहीं स्मार्ट कार्ड. 980 ओपन एंडेड और एमएसटी कार्ड धारक
कंडक्टर इसलिए पैसेंजर्स को फ्री में यात्रा कराने को मजबूर हो रहे हैं, क्योंकि अगर किसी पैसेंजर ने रोडवेज के उच्चाधिकारियों से शिकायत कर दी तो उनकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगेगा. इस तरह हर रोज लाखों और हर माह करोड़ों रुपए का नुकसान परिवहन निगम झेल रहा है. राजधानी के कैसरबाग बस स्टेशन से ही 980 ओपन एंडेड कार्ड और एमएसटी कार्ड धारक रोजाना बसों में सफर करते हैं. प्रदेश भर में ऐसे कार्ड धारकों का आंकड़ा कई हजार है.
क्या कहते हैं परिचालक
इस बारे में ईटीवी भारत ने कई परिचालकों से बात की तो उनका साफ कहना है कि पुरानी इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनों में सभी कार्ड रीड हो जाते थे. यात्रियों को भुगतान देकर सफर करना होता था, लेकिन नई एंड्राइड मशीनों में किसी भी तरह के कार्ड स्वैप नहीं होते हैं. उनका कहना है कि अधिकारियों का आदेश है कि जिसके पास कार्ड है. उसे हरहाल में यात्रा करानी होगी. ऐसे में अब बिना कार्ड रिचार्ज कराए ही यात्री खूब यात्रा कर रहे हैं और मारपीट से बचने के लिए उन्हें मजबूरन यात्रा करानी भी पड़ रही है.
भविष्य में सभी एंड्राइड ईटीएम कंडक्टर को देनी है ऐसे में ट्रायल के तौर पर एंड्राइड ईटीएम कंडक्टरों को दी गई हैं. अभी इनमें कार्ड रीड न होने की बात सामने आ रही है. आरएम लखनऊ ने आज यह जानकारी दी है कि साफ्टवेआर में दिक्कत है जल्द ही सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की समस्या दूर करा दी जाएगी और इसके बाद इन एंड्राइड मशीनों में सभी तरह के कार्ड रीडर हो सकेंगे.
-राधेश्याम, अपर प्रबंध निदेशक, परिवहन निगम