लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के नेता बौद्धिक रूप से काफी सशक्त माने जाते हैं और एक तरह से अब योग्य नेताओं का दौर शुरू हो चुका है. 2014 में जब मोदी मंत्रिमंडल का गठन हुआ तो ऐसे तमाम नेताओं को सरकार में शामिल किया गया, जो बौद्धिक रूप से सशक्त थे. ऐसे लोगों को मंत्री बनाए जाने के पीछे की रणनीति यह थी कि यह लोग दूसरों की तुलना में ज्यादा अच्छा काम करेंगे. विकास कार्यों की डिलीवरी धरातल तक होगी और बीजेपी का जो एजेंडा है, वह पूरा होगा.
मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे तेजतर्रार नेता. योग्य नेताओं को मंत्रिमंडल में किया जाएगा शामिल
- एक बार फिर नरेंद्र मोदी 30 मई को शपथ ग्रहण करने वाले हैं, ऐसे में मोदी मंत्रिमंडल में फिर से योग्य और सशक्त नेताओं की छाप देखने को मिल सकती है.
- मोदी सरकार में पिछली बार मुख्य रूप से जो प्रतिभा के धनी और बौद्धिक रूप से सशक्त नेता शामिल हो गए, उनमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रेल मंत्री पीयूष गोयल, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल थे.
- अब एक बार फिर ऐसे ही योग्य और प्रतिभाशाली नेता मोदी मंत्रिमंडल में दिखाई दे सकते हैं.
सिर्फ भारतीय जनता पार्टी में योग्य और बुद्धिजीवी नेता हैं, ऐसा नहीं है. दूसरे दलों में भी ऐसे लोगों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता संस्कारवान और बौद्धिक रूप से कुछ ज्यादा ही समृद्ध होते हैं. ऐसे में यह चीज सुखद परिणाम देने वाली होती है. इससे सरकार गुड गवर्नेंस पर भी बेहतर ढंग से काम करती है.
-डॉ. दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
ये नेता मंत्रिमंडल में हो सकते हैं शामिल
- मोदी मंत्रिमंडल में इस बार जिन प्रमुख चेहरों को शामिल करने की बात हो रही है, उनमें लखनऊ से दोबारा निर्वाचित हुए राजनाथ सिंह, अमेठी से कांग्रेस के गढ़ में भगवा फहराने वाली स्मृति ईरानी, गाजियाबाद से दोबारा निर्वाचित होने वाले जनरल वीके सिंह शामिल हैं.
- इसके अलावा कन्नौज में डिंपल यादव को हराने वाले सुब्रत पाठक, बरेली से जीते संतोष गंगवार, योगी सरकार में मंत्री और प्रयागराज से निर्वाचित डॉ. रीता बहुगुणा जोशी को भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
- ब्राह्मण चेहरे के रूप में देवरिया से चुनाव जीते भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापति राम त्रिपाठी भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं.
- सूत्रों का दावा है कि इस बार मेनका गांधी मोदी मंत्रिमंडल में नहीं रहेंगी.
- मेनका की इच्छा है कि उनके बेटे वरुण गांधी को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाए.
स्वाभाविक रूप से जनता ने बीजेपी को बड़ा बहुमत दिया है और उसी के अनुरूप लोगों की गुड गवर्नेंस की अपेक्षा भी होती है. ऐसे में जब योग्य और प्रतिभावान नेता सरकार में रहते हैं तो स्वाभाविक रूप से सारे काम बेहतर होते हैं. मंत्री जब पढ़ा लिखा होगा तो कामकाज की डिलीवरी भी धरातल तक होगी और यह काफी अच्छा रहता है. जब एक तेजतर्रार व्यक्ति मंत्री बनता है तो उसकी छाप नीचे तक दिखती है. अधिकारियों में भी डर रहता है कि ठीक ढंग से काम करें और उसकी डिलीवरी बेहतर हो.
-बृजलाल, पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं राजनीतिक विश्लेषक, उत्तर प्रदेश
इसके अलावा उत्तर प्रदेश मंत्री बनने वालों में जिन प्रमुख नामों की चर्चा है, उनमें बीजेपी के दलित चेहरे रामशंकर कठेरिया, कौशल किशोर और उरई (जालौन) से कई बार से चुनाव जीत रहे भानु प्रताप वर्मा शामिल हैं. इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से संजीव बालियान और प्रदीप चौधरी के नाम की भी चर्चा हो रही है.