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यूपी बना उद्यमियों का सबसे पसंदीदा राज्य: सतीश महाना

औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में पूरी पारदर्शिता के साथ औद्योगिक प्लाटो का आवंटन सुनिश्चित हुआ है. योगी सरकार में यूपी उद्यमियों का सबसे पसंदीदा राज्य बन गया है. यहां एक लाख 88 हजार 924 करोड़ की 759 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं.

यूपी बना उद्यमियों का सबसे पसंदीदा राज्य
यूपी बना उद्यमियों का सबसे पसंदीदा राज्य

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Published : Nov 19, 2020, 9:26 PM IST

लखनऊ:औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि निवेश की दृष्टि से उत्तर प्रदेश सबसे पसंदीदा राज्य के रूप में उभर कर सामने आया है. सीएम योगी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश की कानून-व्यवस्था बेहतर हुई और उद्यमियों के लिए सकारात्मक माहौल बना है. इसी के चलते 4.28 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए और दो वर्षों के अंदर ही 43 फीसदी परियोजनाएं धरातल पर उतरने को तैयार हैं.

मंत्री सतीश महाना ने कहा कि इनमें से 48707.49 करोड़ की 156 परियोजनाएं कार्यान्वित हो चुकी हैं, जबकि 53955.40 करोड़ की 174 परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं. इनके अलावा 86261.90 करोड़ की 429 परियोजनाओं को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा चुकी हैं और निवेशक परियोजना शुरू करने की प्रक्रिया में हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रकार कुल 188924.79 करोड़ की 759 परियोजनाओं का कार्यान्वयन होगा.

पारदर्शिता के साथ हुआ प्लाटों का आवंटन
मंत्री सतीश महाना ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में पूरी पारदर्शिता के साथ औद्योगिक प्लाटो का आवंटन सुनिश्चित हुआ है. फिजिबिलिटी देखकर लाटरी के माध्यम से प्लाट आवंटित किये गये हैं. इसके साथ ही अवस्थापना सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए 421 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है. इसमें से 44 करोड़ रुपये कोविड काल में स्वीकृत किये गये हैं. उन्होंने कहा कि जिन औद्योगिक क्षेत्रों में 80 प्रतिशत से अधिक प्लाट बिक चुके हैं, वहां ऑनलाइन बिडिंग के माध्यम से प्लाट आवंटन की व्यवस्था की गई है.

करीब 2 लाख लोगों को रोजगार की संभावना
मंत्री सतीश महाना ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य के औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा अब तक लगभग 9,700 करोड़ रुपये के निवेश और करीब 1,95,990 रोजगार सृजन की संभावना वाली परियोजनाओं को लगभग 740 एकड़ भूमि (1097 भूखण्ड) आवंटित किया गया है. इन निवेश परियोजनाओं में से 7,006 करोड़ रुपये के निवेश और 1,71,683 रोजगार की संभावना वाली परियोजनाओं के लिए 566 एकड़ (871 भूखण्ड) का आवंटन केवल यमुना एक्सप्रेस-वे और औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) द्वारा ही किया गया है. इनमें सेक्टर-29 और 33 में अपैरल पार्क (124 भूखण्ड), हस्तशिल्प पार्क (76 भूखण्ड), एमएसएमई पार्क (516 भूखण्ड) और खिलौना (टॉय) पार्क (111 भूखण्ड) के लिए किए गए आवंटन सम्मिलित हैं.

यूपीसीडा ने 588 करोड़ की योजनाओं के लिए 123 भूखण्ड आवंटित
मंत्री ने कहा कि इनके अतिरिक्त अन्य प्राधिकरणों, जैसे उ.प्र. राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने 588 करोड़ रुपये के निवेश और 8,441 रोजगार की सम्भावना वाली परियोजनाओं के लिए लगभग 52 एकड़ (123 भूखण्ड) आवंटित किए हैं और नोएडा ने 1,341 करोड़ रुपये के निवेश और 14,500 रोजगार की सम्भावना वाली परियोजनाओं के लिए 92 एकड़ (101 भूखण्ड) आवंटित किए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ प्रमुख निवेशक जिन्हें हाल ही में भूमि आवंटित की गई है, उनमें हीरानंदानी ग्रुप, सूर्या ग्लोबल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एमजी कैप्सूल्स, केशो पैकेजिंग, माउंटेन व्यू टेक्नोलॉजीज आदि सम्मिलित हैं.

विदेशी कंपनियों से 45 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले
मंत्री सतीश महाना ने कहा कि राज्य सरकार ने 40 से अधिक निवेश आशयों को आकर्षित करने में सफलता प्राप्त की है, जिसमें जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस), यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया आदि 10 देशों की कंपनियों से लगभग 45,000 करोड़ रुपये के निवेश-प्रस्ताव मिले हैं.

इन कम्पनियों से मिले हैं प्रस्ताव
मंत्री ने कहा कि इनमें प्रमुख हीरानंदानी ग्रुप द्वारा डाटा सेंटर में रुपये 750 करोड़ का निवेश, ब्रिटानिया इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा एकीकृत खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने में रुपये 300 करोड़ का निवेश, एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड पीएलसी (एबी मौरी) (यूके) द्वारा खमीर मैन्यूफैक्चरिंग में रुपये 750 करोड़ का निवेश, डिक्सन टेक्नोलॉजीज द्वारा कन्ज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में रुपये 200 करोड़ का निवेश, वॉन वेलेक्स (जर्मनी) द्वारा फुटवियर निर्माण में रुपये 300 करोड़ का निवेश, सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्म्स प्रा. लि. द्वारा पीओपीपी, बीओपीईटी, मेटालाइज्ड फिल्म्स प्रोडक्शन प्लांट में रुपये 953 करोड़ का निवेश, मैक सॉफ्टवेयर (यूएस) द्वारा सॉफ्टवेयर विकास में रुपये 200 करोड़ का निवेश, एकैग्रेटा इंक (कनाडा) द्वारा खाद्यान्न अवस्थापना उपकरणों में रुपये 746 करोड़ का निवेश, एडिसन मोटर्स (दक्षिण कोरिया) द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों में रुपये 750 करोड़ का निवेश और याजाकी (जापान) द्वारा वायरिंग हारनेस और कम्पोनेंट्स में 2,000 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाएं सक्रिय क्रियान्वयन के अधीन हैं.

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश का दूसरा स्थान
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा हाल ही में घोषित बिजनेस रिफाॅर्म ऐक्शन प्लान रैंकिंग में उत्तर प्रदेश की रैंकिंग राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हुई उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए उत्तर प्रदेश ने पिछले 3 वर्षों में 12 स्थानों की अभूतपूर्व प्रगति करते हुए द्वितीय स्थान प्राप्त किया है. उन्होंने कहा कि भूमि को अवरुद्ध करने को हतोत्साहित करने के लिए पांच वर्षों के भीतर भूमि का उपयोग करने में विफल होने पर भूमि आवंटन के निरस्तीकरण के लिए उ.प्र. औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम, 1976 में संशोधन किया गया है.

लॉजिस्टिक्स, डिफेंस, डेटा सेंटर आदि सेक्टरों का भविष्य उज्ज्वल
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि लॉजिस्टिक्स, डिफेंस, डेटा सेंटर आदि सेक्टरों का भविष्य भी उज्ज्वल है. राज्य सरकार नए बाजार के रुझानों के अनुसार नए अवसरों का लाभ उठाने हेतु कारगर कदम उठा रही है. डिफेंस काॅरीडोर के तहत अलीगढ़ में समस्त भूमि आवंटित की जा चुकी है, जल्द ही वहां पर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा में 5,000 हेक्टेयर में विकसित किया जाने वाला जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तरी भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक होगा. हवाई अड्डे के साथ एमआरओ, कार्गो कॉम्प्लेक्स और एयरोट्रोपोलिस जैसी परियोजनाओं के विकास की अच्छी संभावना है.

350 एकड़ में डेडिकेटेड मेडिकल डिवाइस पार्क प्रस्तावित
राज्य सरकार ने प्रस्तावित जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 6 किमी दूर यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर 21 में 1,000 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में हाल ही में एक फिल्म सिटी की घोषणा की है. इसके अतिरिक्त यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर 28 में 350 एकड़ में डेडिकेटेड मेडिकल डिवाइस पार्क प्रस्तावित है, जिसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ टेक्नोलॉजी के साथ एमओयू किया गया है.

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