लखनऊ:यूपी में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) अगले साल हैं. लिहाजा, बसपा की तैयारियां भी जोरों पर है. वहीं, पार्टी प्रमुख मायावती अपनी मां का अंतिम संस्कार कर दिल्ली से लौट आई हैं. वहीं, उन्होंने समीक्षा बैठक कर बूथ लेवल तक के संगठनात्मक ढांचे की रिपोर्ट जांची. साथ ही मंडलवार महिला सम्मेलनों के आयोजन पर उन्होंने विशेष जोर दिया है. बसपा प्रमुख मायावती की मां का बीते 13 नवंबर को निधन हो गया था. इस दौरान वह दिल्ली चली गई थीं.
ऐसे में पार्टी की गतिविधियों पर कुछ दिनों के लिए ब्रेक लग गया था. वहीं, बुधवार को बसपा प्रमुख दिल्ली से लखनऊ लौटीं और गुरुवार को फिर से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गईं. इस दौरान उन्होंने चार मंडलों की समीक्षा बैठक की. साथ ही पोलिंग बूथों तक पार्टी की तैयारियों को जाना. वहीं, पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को वोटर लिस्ट पर नजर रखने का निर्देश दिया है.
अब मंडलवार होगा बसपा का महिला सम्मेलन 28-29 नवंबर से शुरू होंगे महिला सम्मेलन
बसपा के बंद महिला सम्मेलन फिर से शुरू होंगे. जानकारी के मुताबिक आगामी 28 या 29 नवंबर से इसके शुरू होने की बात कही जा रही है. साथ ही बताया गया कि इस सम्मेलन को अब हर मंडल में नियमित रूप से किया जाएगा, ताकि महिलाओं को जोड़कर पार्टी का जनाधार बढ़ाया जा सके और इसकी कमान कल्पना मिश्रा संभालेंगी. यह राज्य के 18 मंडलों में होगा और इसमें जिले से भी महिला कार्यकर्ता जुटेंगी.
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जिताऊ उम्मीदवार पर पार्टी लगाएगी दांव
जानकारी के मुताबिक बसपा की अंदरूनी तैयारियां जारी हैं. पार्टी ने सत्ताधारी भाजपा को टक्कर देने के लिए रणनीति बना ली है. ऐसे में पार्टी अब अपने पुराने सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर फोकस कर रही है. साथ ही टिकट बंटवारे में विधानसभा वार सामाजिक-जातीय संतुलन साधकर जिताऊ प्रत्याशियों पर दांव लगाएगी.
अब मंडलवार होगा बसपा का महिला सम्मेलन अंतिम सप्ताह में पहली लिस्ट
यूपी में विधानसभा की 403 सीटें हैं. इन पर बसपा के विधानसभा प्रभारी घोषित किए जा चुके हैं, जो जनता से संपर्क साध रहे हैं. बसपा सरकार में किए गए कार्यों का हवाला देकर बसपा प्रमुख को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए समर्थन मांग रहे हैं. वहीं, जोनल कॉर्डिनेटर, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महासचिव कई विधानसभा प्रभारियों को उनके क्षेत्र में बतौर प्रत्याशी उतारे जा चुके हैं.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक 70 फीसद टिकट विधानसभा प्रभारियों को ही मिलेंगे. अब तक 120 के करीब विधानसभा प्रभारी बतौर प्रत्याशी मैदान में कूद चुके हैं. वहीं, आधिकारिक घोषणा बसपा प्रमुख करेंगी. नवंबर के अंतिम सप्ताह में आने वाली पहली लिस्ट में 160 से 180 नाम घोषित होने की उम्मीद है. वहीं, लखनऊ जिले की विभिन्न सीटों से बसपा के सरवर मलिक, कायम रजा, जलीस खान, देवेन्द्र पासी, सलाउद्दीन सिद्दीकी बतौर प्रत्यशी जनसंपर्क साध रहे हैं.
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9 अक्टूबर को बसपा ने किया था चुनावी शंखनाद
यूपी विधानसभा का कार्यकाल मार्च-2022 में समाप्त होगा. ऐसे में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं. भाजपा, सपा के बड़े नेताओं का दौरा जारी है. वहीं, बसपा ने भी 9 अक्टूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर बड़ी रैली कर चुनावी रणभेरी बजा दी थी. लखनऊ में जुटी भारी भीड़ ने विपक्षी पार्टियों को भी चिंतन में डाल दिया था. वहीं 21 अक्टूबर से जमीनी स्तर पर संगठन का ढांचा मजबूत करने का काम शुरू कर दिया गया.
बूथ तक होगी मजबूत पैठ
यूपी में गत चुनावों में करीब 1.65 लाख बूथ रहे हैं. इन पर करीब 14.50 करोड़ से अधिक मतदाता रहे. एक बूथ पर करीब 1500 मतदाता थे. वहीं, कोरोना काल की वजह से बंगाल की तर्ज पर चुनाव की प्लानिंग हो सकती है. इसमें एक- एक बूथ पर 1200 मतदाता किए जा सकते हैं.
लिहाजा, बूथ के साथ-साथ पोलिंग सेंटर की संख्या भी बढ़ेगी. ऐसे में बसपा प्रमुख ने बूथ स्तर तक पार्टी का मजबूत संगठन खड़ा करने का आदेश दिया है. साथ ही बताया गया कि इनकी ट्रेनिंग प्रोग्राम भी कराए जाएंगे. इसके बाद बसपा प्रमुख विधानसभाओं का दौरा करेंगी, जहां भी पार्टी कमजोर दिखेगी वहां के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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