लखनऊ: कोरोना का कहर और लॉकडाउन की मार इस वर्ष फलों के राजा आम के कारोबार पर भी पड़ रही है. मलिहाबाद और लखनऊ के आसपास के इलाकों से देश के दूसरे हिस्सों में जाने वाले आम की सप्लाई इस वर्ष लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुई है. इस वजह से आम के इस सीजन में 3 हजार करोड़ रुपये का आम व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. बागों से लेकर मंडी पहुंचे बागवानों को व्यापारी नहीं मिल रहे हैं, जिससे उनके सामने बड़ी परेशानियां खड़ी हो गई हैं.
आम झेल रहा कोरोना की मार
देश में कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन की मार आम के कारोबारी भी झेल रहे हैं. प्रदेश में दूसरे राज्यों में जाने के लिए मंडियों और बागों में आम तैयार तो हैं, लेकिन दूसरे राज्यों से आने वाले व्यापारी नदारद हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना वायरस को बताया जा रहा है. मंडियों में आम के किसान अपने बागों से कड़ी मेहनत के बाद आम को तोड़कर मंडियों में ला तो रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस की महामारी के चलते व्यापारी यूपी की मंडियों में आम खरीदने नही पहुंच पा रहे हैं. इसे लेकर बागवानों के चेहरों पर मायूसी है.
जानकारी देते परेशान बागवान व मंडी के लोग. बागवानी करने वालों पर दोहरी मार
इन बागवानों का कहना है कि इस साल आम की बागवानी करने वालों पर दोहरी मार पड़ी है. बागवानों का कहना है कि बागों में आम पर कीड़ा लग जाने के कारण फल को बचाने के लिए दवाओं के छिड़काव का खर्चा बढ़ गया है. वहीं मंडियों में अन्य राज्यों से आने वाले व्यापारियों के नहीं आने से आम के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं.
नहीं मिल रहे आम के खरीददार
लखनऊ दुबग्गा मंडी के अध्यक्ष लाला यादव भी लॉकडाऊन के चलते और व्यापारियों के नहीं आने से परेशान हैं. लाला यादव ने बताया कि इस वर्ष आम से मंडी पटी पड़ी है, लेकिन आम के खरीददार नहीं मिल पा रहे हैं. कोरोना वायरस की वजह से दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र समेत देश की कई बड़ी मंडियां प्रभावित हैं. ऐसे में इस वर्ष यह माना जा रहा है कि आम के कारोबारी और बागवान दोनों को ही भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
लागत निकालना भी मुश्किल
कई वर्षों से आम की आढ़त का काम करने वाले सलमान का कहना है कि इससे पहले भी आम के कारोबार में कई उतार चढ़ाव देखे हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस की महामारी के चलते आम का कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है. ऐसे में मुनाफा तो दूर फसल की लागत निकाल पाना मुश्किल हो गया है.