लखनऊः2 अक्टूबर के दिन पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती मना रहा है. इस खास मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने लखनऊ से महात्मा गांधी के गहरे नाते से जुड़ी यादों को ताजा करने की कोशिश की. महात्मा गांधी से लखनऊ का जुड़ाव 1921 में उस समय शुरू हुआ जब मोहम्मद अली जौहर ने मौलाना अब्दुल बारी फरंगी महली को एक टेलीग्राम लिखकर यह बताया कि महात्मा गांधी लखनऊ आ रहे हैं. इसके बाद महात्मा गांधी जब भी लखनऊ पहुंचे तो उन्होंने मौलाना अब्दुल बारी फरंगी महली के घर को ही अपना ठिकाना बनाया.
आज मौलाना अब्दुल बारी की चौथी पीढ़ी इस मकान में रहती है जो महात्मा गांधी के उस कमरे को दिखाकर भावुक हो जाती है, जिसमें महात्मा गांधी रहा करते थे. अब्दुल बारी के पर नवासे फैजान अली घर की देखरेख करते हैं. फरंगी महल का यह घर भले ही जर्जर हो गया हो, लेकिन उन्होंने आज भी गांधीजी के इस कमरे को संभाल कर रखा है. मौलाना अब्दुल बारी के वंशज फैजान अली के मुताबिक आज भी उनके पास गांधी जी द्वारा भेजे गए मूल टेलीग्राम मौजूद हैं.
फैजान बताते हैं कि हमने उन टेलीग्राम को बहुत कायदे से संभाल कर रखा है. फैजान ने बताया कि गांधी जी लगभग तीन बार फरंगी महल में रुके हैं. फैजान अली ने वह कमरा भी दिखाया जहां पर गांधी जी रुका करते थे. एक छोटे से कमरे में जहां धन्नी की छत पड़ी थी, वहां गांधी जी की यादों को उनके परिवार ने आज भी सजा कर रखा है. फैजान बताते हैं कि उनके नाना उन्हें बताते थे कि गांधी जी जब भी यहां आते थे, उनके साथ हमेशा एक बकरी होती थी. बकरी को कमरे के बाहर लगे एक पेड़ से बांधकर रखा जाता था.