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Failure of UP Police : माफिया मुख्तार के सूदखोर गुर्गे को ढूंढ नहीं पा रही यूपी पुलिस

यूपी सरकार की सरपरस्ती में भले ही यूपी पुलिस (Failure of UP Police ) ने माफिया मुख्तार अंसारी को जेल में डाल दिया है, उसके दर्जनों गुर्गों का एनकाउंटर कर दिया और दर्जनों को जेल में ठूंस दिया. उनकी करोड़ों की संपत्ति कुर्क कर ली, लेकिन माफिया मुख्तार के कई गुर्गे आज भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं. इन्हीं में एक नाम है हरविंदर उर्फ जुगनू वालिया जिसे पकड़ने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं.

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Published : Jan 18, 2023, 7:50 PM IST

लखनऊ : जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का एक ऐसा सूदखोर गुर्गा, जिसे ढूंढने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं. लखनऊ, गाजीपुर, मऊ, दिल्ली व पंजाब में कई बार डेरा डाल चुकी राजधानी की पुलिस बीते डेढ़ साल से गिरफ्तार नहीं कर सकी है. वह अपराधी खुलेआम मुख्तार अंसारी को अपना गुरू मानता है और इतना खतरनाक है कि सूद में दिए गए पैसों को वसूलने के लिए वह किसी भी हद तक गुजर सकता है. बावजूद इसके पुलिस अब तक उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही है. हालांकि उसकी संपत्तियों की कुर्की की गई हैं. यह अपराधी 20 मुकदमों में नामजद और यूपी पुलिस की टॉप 25 अपराधियों की लिस्ट में भी शुमार है.

माफिया मुख्तार का गुर्गा
यूपी पुलिस ने बीते साढ़े सात साल से बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के 282 गुर्गों को जेल भेज चुकी है. छह को मुठभेड़ में मार गिराया है. हालांकि अब भी एक ऐसा गुर्गा 'हरविंदर उर्फ जुगनू वालिया है, जिसे बीते डेढ़ साल से ढूंढने में पुलिस नाकाम है. हालात ये है कि इस दौरान पुलिस उसकी एक बार भी लोकेशन ट्रेस नहीं कर सकी है. उसे गिरफ्तार करने के लिए राजधानी पुलिस कभी गाजीपुर गई तो कभी मऊ व आजमगढ़, कभी दिल्ली गई तो पंजाब, लेकिन एक बार भी उसे ट्रेस नहीं कर सकी है.हरविंदर उर्फ जुगनू वालिया लखनऊ के तमाम इलाकों में आतंक का नाम है. सूद पर दी रकम को वसूलने के लिए जुगनू किसी भी हद तक जा सकता है. ब्याज पर ब्याज लगाने में माहिर जुगनू पर लखनऊ के तीन थानों आलमबाग, मानकनगर और हजरतगंज में 20 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, हत्या, हत्या का प्रयास व फिरौती मांगने के मुकदमे हैं. वर्ष 2020 में भी जुगनू वालिया की करीब ढाई करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क कर दी गई थी. जिसमें ट्रांसपोर्टनगर में स्थित पांच हजार स्क्वायर फीट का आलीशान फ्लैट, ओडी और जगुआर जैसी लग्जरी गाड़ियां और बैंक खाते शामिल थीं. मार्च 2022 को पुलिस ने जुगनू के घर को भी कुर्क किया था.
माफिया मुख्तार का गुर्गा
इस मुकदमे में है फरार जुगनू : लखनऊ में आलमबाग के चंदरनगर इलाके में रहने वाले जसविंदर सिंह उर्फ रोमी का चिकचिक नाम से रेस्टोरेंट था. 27 अक्टूबर 2021 की देर रात रोमी रेस्टोरेंट पर थे. इस बीच उनके पूर्व परिचित जसप्रीत उर्फ लवीश और नीशू सहित चार लोग कार से खाना खाने पहुंचे थे. जसविंदर ने पुलिस को बयान दिया था कि उन लोगों ने उससे शराब पीने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया. इसके बाद उन लोगों के बीच कुछ मजाक हुआ और फिर नीशू ने पिस्टल निकाल कर उसके दो गोली मार दी. एक गोली रोमी के सीने और दूसरी पेट पर लगी थी. उनको इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान रोमी की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस नीशू, लवीश, जोगिंदर, दिलशाद, गोल्डी और नीतेश भटनागर को गिरफ्तार कर चुकी है. इस हत्याकांड की विवेचना के दौरान पुलिस की जांच में सामने आया था कि जुगनू वालिया ने ही रोमी की हत्या की साजिश रची थी और गोली मारने वाले आरोपियों को बचाया था.एक बार गिरफ्तार हो चुका है जुगनू : 10 जनवरी 2019 को मानकनगर के कपड़ा व्यापारी अमनप्रीत की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. ये हत्या जुगनू वालिया ने करवाई थी. हत्या के पीछे सूद का पैसा न वापस करना ही था. जुगनू ने बताया था कि व्यापारी अमनप्रीत को उसने 20 लाख रुपये सूद पर दिए थे. कई बार मांगने के बाद भी वह वापस नहीं कर रहा था. जिस पर उसने व्यापारी की हत्या करवा दी. पुलिस ने जुगनू वालिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.मुख्तार को मानता है अपना गुरू : वर्ष 2018 में जुगनू वालिया ने मुख्तार अंसारी व उसके साम्राज्य पर जब योगी सरकार व पुलिस की कार्रवाई हो रही थी. तब जुगनू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक में लाइव आकर योगी सरकार पर मुख्तार को परेशान करने का आरोप लगाया था. इस दौरान जुगनू ने मुख्तार अंसारी को अपना गुरू बताते हुए कहा था कि आज नकली शेर असली शेर को कुत्ता समझ रहे है, लेकिन एक दिन असली शेर (मुख्तार अंसारी) बाहर आएगा तो एक एक से बदला लेगा. उसने कहा कि मुख्तार अंसारी उनके गुरू हैं और लोगों के देवता.पूर्व मंत्री पर जुगनू को शरण देने का लगा था आरोप : अखिलेश सरकार में जेल मंत्री रहे बलवंत सिंह रामूवालिया के निजी सचिव रहे गुरपाल ने बाईट देकर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि बलवंत सिंह जुगनू पंजाब में संरक्षण दे रहे हैं. गुरपाल का आरोप था कि पूर्व मंत्री न सिर्फ जुगनू को पुलिस से छिपा कर संरक्षण दे रहे हैं, उन्होंने पहले भी उसकी आर्थिक मदद की थी. गुरपाल ने आरोप लगाया था कि जुगनू वालिया को जब लखनऊ पुलिस ढूंढ रही थी, तब वह कभी पूर्व मंत्री के दिल्ली वाले घर और कभी पंजाब के चंडीगढ़ स्थित घर पर रुकता था. जेल मंत्री रहते बलवंत सिंह रामूवालिया के संबंध कई गैंगस्टर से थे. जिसका इस्तेमाल वे लोगों को धमकाने के लिए करते थे. यही नहीं जेल में बंद अपराधियों से भी धमकी दिलवाया करते थे.लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक जुगनू वालिया पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया है. उसकी गिरफ्तारी के लिए 5 टीमें गठित हैं, जो अलग अलग ठिकानों पर छापेमारी करती हैं. टीम पंजाब भी जा चुकी है, जहां जुगनू के छिपे होने की आशंका जताई जा रही थी. जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा. मुख्तार के 282 गुर्गों पर हो चुकी है कार्रवाई : वर्ष 2005 से देश की अलग अलग जेलों में बंद मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कुल 59 मुकदमे दर्ज हैं. जिसमें 20 ऐसे केस हैं जो विचाराधीन हैं. अब तक 3 मामलों में माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है. माफिया के सहयोगियों व उसके गुर्गों पर हुई कार्रवाई की बात करें तो अब तक 282 गुर्गों पर यूपी पुलिस कार्रवाई कर चुकी है. जिसमें कुल 143 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. 176 मुख्तार के गुर्गों और उसके गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है. योगी सरकार की कार्रवाई की दहशत से 15 गुर्गों ने सरेंडर भी किया. 167 असलहों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं. 66 के खिलाफ गुंडा एक्ट व 126 के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई है. मुख्तार के 6 गुर्गों पर एनएसए भी लगाया गया. 70 की हिस्ट्रीशीट खोली गई और 40 को जिलाबदर किया गया. 5 गुर्गों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. योगी सरकार ने मुख्तार और उसके कुनबे की लगभग 5 अरब 72 करोड़ की संपत्ति कर ली या फिर बुलडोजर चलवा दिया है. मुख्तार एंड कंपनी पर हुई कार्रवाई से बंद पड़े उसके अवैध धंधों से कमाए जाने वाले 2 अरब 12 करोड़ का भी नुकसान हुआ है.

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