उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

लखनऊ विश्वविद्यालय 4 जिलों में लगाएगा 1 लाख पीपल के पौधे, कॉलेजों को दिए ये निर्देश

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लखनऊ विश्वविद्यालय (lucknow university) की तरफ से एक नई पहल की है. इस के तहत विश्वविद्यालय की तरफ से राजधानी समेत प्रदेश के चार जिलों में एक लाख से ज्यादा पीपल के पौधे (peepal saplings) लगाए. यह पौधे विश्वविद्यालय से जुड़े करीब 524 कॉलेजों में लगवाए जाएंगे.

एलयू में है सालों पुराने पेड़
एलयू में है सालों पुराने पेड़

By

Published : Jun 22, 2021, 8:22 AM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय राजधानी के साथ रायबरेली, सीतापुर, हरदोई और लखीमपुर खीरी में एक लाख से ज्यादा पीपल के पौधे लगाएगा. यह पौधे विश्वविद्यालय से जुड़े करीब 524 कॉलेजों में लगवाए जाएंगे. विश्वविद्यालय की ओर से सभी कॉलेजों को अपने स्तर पर 200 पीपल के पेड़ लगाने के निर्देश दिए गए हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव की ओर से सोमवार को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. कॉलेजों को कहा गया है कि 27 जून तक इस संबंध में सूचना उपलब्ध कराई जाए.

दरअसल, बीते दिनों राजभवन की ओर से पत्र भेजकर विश्वविद्यालय के स्तर पर कम से कम 1 लाख पीपल के पौधे लगाने को कहा था. जिसके बाद कुलसचिव की ओर से यह निर्देश जारी किए गए हैं. इसके लिए 27 जून 2021 तक गूगल लिंक https://forms.gle/SesxAGZHZIfN9pX9 रजिस्ट्रेशन करने तथा वृक्षारोपण का सारांश आख्या फोटो सहित ई-मेल आई.डी. envisiwslulko@gmail.com या kanaujia.amita@gmail.com पर उपलब्ध कराने को कहा गया है.

लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में कई पुराने वृक्ष हैं. खास बात यह है कि इनमें कई 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं. कैम्पस में वनस्पतियों के साथ-साथ पक्षियों और तितलियों की समृद्ध विविधता है. विश्वविद्यालय परिसर के अंदर पेड़ों की सौ से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के ग्रीन ऑडिट में यह सामने आयी थी.

महत्वपूर्ण बिंदु

  • लखनऊ विश्वविद्यालय के सौ साल पुराने परिसर में समृद्ध जैव विविधता है. कैम्पस में वनस्पतियों के साथ-साथ पक्षियों और तितलियों की समृद्ध विविधता है. परिसर के अंदर पेड़ों की सौ से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं. कुछ पेड़ सौ साल से अधिक पुराने हैं.
  • पेड़ों की प्रमुख प्रजातियां हैं अमलतास, गुलमोहर, यूकेलिप्टस, बरगद, पाकड़, पीपल, कचनार, जामुन, जैक फल, कदम्ब, सीता अशोक, पलाश, सेमल, नील, गुलमोहर, सप्तपर्णी, बोतल ब्रश, इमली, गूलर, आम, आँवला, आदि. बेल, ड्रमस्टिक, बहेडा, जंगल जलेबी, खिरनी, नीम, भारतीय चंदन की लकड़ी, शमी, बबूल, जंगल किकर, सफेद सिरीस, चीर, रबर के पेड़, महिंब, पाम, अशोक, बांस. जड़ी-बूटियां, झाड़ियों और घासों की कई प्रजातियां हैं, जो जीवों की जैव विविधता का समर्थन करती हैं.
  • परिसर के अंदर 65 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं जैसे हॉर्नबिल, ट्री पाई, उल्लू, बैरट, मैनास, सनबर्ड्स, रॉबिन्स आदि. कैंपस के भीतर तितलियों की लगभग 25 प्रजातियां बताई गई हैं.
  • लखनऊ विश्वविद्यालय (ओल्ड कैंपस) 219.01 एकड़ में फैला हुआ है, जिसकी स्थापना 1920 में हुई थी. 09 संकायों के तहत विश्वविद्यालय के कुल 50 विभाग हैं; लगभग 17,054 छात्र और 418 शिक्षण संकाय और 1,927 गैर-शिक्षण कर्मचारी.

इसे भी पढ़ें-भाजपा को हराने के लिए तीन राज्यों के मुख्यमत्री आएंगे साथ : ओमप्रकाश राजभर

ABOUT THE AUTHOR

...view details