लखनऊ:लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. सोमेश शुक्ला नागरिकों की पहचान का एक ऐसा सिस्टम विकसित किया है जिसकी मदद से घुसपैठियों की पहचान आसानी से की जा सकेगी. प्रोफेसर शुक्ला का दावा है कि इससे एक ओर जहां लोगों की पहचान आसान होगी, वहीं एक सिंगल क्लिक पर व्यक्ति से जुड़ी हुई सारी सूचनाएं भी उपलब्ध हो जाएगी.
LU के प्रोफेसर का दावा, इस NID से होगी घुसपैठियों की पहचान - professor somesh shukla
लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. सोमेश शुक्ला ने नागरिकों की पहचान का एक ऐसा सिस्टम विकसित किया है जिसकी मदद से घुसपैठियों की पहचान आसानी से की जा सकेगी. प्रोफेसर शुक्ला का दावा है कि उनकी टीम के द्वारा विकसित राष्ट्रीय पहचान कोड (NID) की न तो कोई क्लोनिंग हो सकती है और न ही फर्जी डाटा बनाया जा सकता है.
प्रोफेसर सोमेश शुक्ला कहते हैं कि विशिष्ट पहचान (UID) कार्ड को भारत में एनआईडी(NID) के रूप में अपनाया गया था, लेकिन यूआईडी केवल एक पहचान का आधार बनके रह गया है. यूआईडी कार्ड धारकों और नए उपयोगकर्ताओं का संयोजन, राष्ट्रीय पहचान कोड ( NIC) के रूप में प्रस्तावित किया गया है. यदि भविष्य में एनआईसी को लागू किया जाता है, तो एनआईसी हमारे जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हुए जीवन को आसान बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा. इसके अतिरिक्त , एनआईसी प्रणाली का उपयोग प्रत्येक व्यक्ति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सेवाओं को एकीकृत करने के लिए किया जाएगा.
फिलहाल, प्रोफेसर सोमेश शुक्ला द्वारा विकसित किए गए इस मॉडल का कॉपीराइट उनकी टीम के पास ही है. उन्होंने इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है.