लखनऊ : राजधानी की शहर की निर्वाचित सरकार का कार्यकाल गुरुवार रात 12 बजे समाप्त हो गया. महापौर संयुक्ता भाटिया सहित सभी पार्षदों का कार्यकाल पूरा हो गया और शुक्रवार से प्रशासक व्यवस्था लागू हो गई. प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की ओर से जारी आदेश के तहत प्रशासक काल में डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्य समिति काम करेगी. यही वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों का निर्वाह्न करेगी. नगर निगम में प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय एवं नगर आयुक्त के संयुक्त हस्ताक्षर से आहरण वितरण होगा. समिति सिर्फ दैनिक प्रशासनिक कार्यों और पहले से चल रहे विकास कार्य व परियोजनाओं की निगरानी व संचालन करेगी. वह कोई बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं लेगी.
शुक्रवार को कार्यकाल समाप्त होने के बाद मेयर संयुक्ता भाटिया ने गुरुवार की रात में स्वयं बिना किसी सरकारी आदेश के नगर आयुक्त को फोन कर स्वयं स्वेक्षा से अपना वाहन, अर्दली और सुरक्षा स्टाफ नगर निगम वापस भेज दिया. महापौर संयुक्ता भाटिया ने प्रतिदिन की भांति सुबह आवास पर आई हुई जनता और फरियादियों को सुना और उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों से वार्ता भी की, वहीं संगठन की बैठकों और सामाजिक कार्यक्रमों में महापौर संयुक्ता भाटिया ने अपनी निजी वाहन का प्रयोग किया. महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि "जनता के दुख दर्द सुनने और उनको दूर करने का कार्य पूर्व की भांति करती रहेंगी. लखनऊ मेरा परिवार है और विगत 5 वर्षों में सबके साथ काम करते करते और भी ज्यादा आत्मीयता हो गई है, उसी भाव और लगन से लखनऊ की देवतुल्य जनता की सेवा करती रहूंगी. लखनऊवासियों की सेवा करना मेरा धर्म है. उल्लेखनीय है कि कार्यकाल समाप्त होने के बाद नए महापौर की शपथ ग्रहण तक निवर्तमान महापौर के रूप में संयुक्ता भाटिया काम करती रहेंगी.