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केजीएमयू में व्यक्ति विशेष के नाम पर मिलने वाले मेडल्स की प्रथा होगी बंद

राजधानी लखनऊ स्थित केजीएमयू में व्यक्ति विशेष के नाम पर मिलने वाले मेडल्स की प्रथा अब बंद हो जाएगी. इसका उद्देश्य विशेषज्ञता को बढ़ावा देना है. केजीएमयू 115 साल का हो गया है.

केजीएमयू मेडल.
केजीएमयू मेडल.

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Published : Aug 10, 2021, 2:10 PM IST

लखनऊ:केजीएमयू में मिलने वाले व्यक्ति विशेष के नाम पर मेडल का स्वरूप अब बदलेगा.मेधावियों के मेडल से डॉक्टरों के नाम का ठप्पा हटाया जाएगा. इसका मकसद किसी व्यक्ति के बजाए 'विशेषज्ञता' को महत्व देना है. ऐसा यह कई वर्षों बाद होगा. इसके चलते संस्थान में हलचल तेज है.

केजीएमयू 115 बरस का हो गया है. इसमें 75 विभाग हैं. वहीं, संचालन 56 विभागों का हो रहा है. यहां मेडिकल पाठ्यक्रमों के टॉपर्स को मेडल-अवॉर्ड दिए जाते हैं. इसमें एमबीबीएस, एमडी, एमएस, डीएम, एमसीएच व नर्सिंग के लिए अलग-अलग मेडल तय किए गए हैं. यूजी-पीजी कोर्स में टॉपर्स के साथ-साथ स्पेशयलिटी कैटेगिरी में भी अवॉर्ड-बुक प्राइज तय किए गए हैं. ऐसे में करीब 200 मेडल, अवॉर्ड और बुक प्राइज हर वर्ष मेधावियों को दिए जाते हैं. इसमें ज्यादातर डॉक्टरों और उनके परिवारजनों के नाम पर मेडल हैं. ऐसे में मेडल से डॉक्टरों और उनके परिवारजनों का नाम हटने पर विवाद की भी आशंका है.

एक को छोड़कर सभी व्यक्ति विशेष के नाम

केजीएमयू में सबसे प्रतिष्ठित हीवेट और चांसलर गोल्ड मेडल हैं. यह एमबीबीएस के टॉपर को प्रदान किया जाता है. वहीं, शेष गोल्ड मेडल, सिल्वर मेडल, ब्रांज मेडल विभिन्न कोर्स, विषयों में सर्वोच्च अंक हासिल करने वाले छात्रों को मिलते हैं. मीडिया प्रभारी डॉ सुधीर सिंह के मुताबिक सिर्फ चांसलर मेडल छोड़कर शेष सभी मेडल व्यक्ति विशेष के नाम पर ही हैं.

दीक्षा समारोह और स्थापना दिवस पर मिलते मेडल

केजीएमयू में अक्टूबर से दिसम्बर के बीच दीक्षा समारोह और स्थापना दिवस मनाया जाता है. इनमें मेधावियों को हर वर्ष मेडल व अवॉर्ड प्रदान किए जाते हैं. गत वर्ष दीक्षा समारोह में 73 मेडल प्रदान किए गए. इसमें 70 गोल्ड, तीन सिल्वर मेडल रहे. शेष को अवॉर्ड-बुक प्राइज प्रदान किए गए. वहीं, स्थापना दिवस पर 38 मेडल प्रदान किए गए. इसमें 21 गोल्ड, 16 सिल्वर और 5 ब्रांज मेडल रहे.

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केजीएमयू के कुलपति डॉ. विपिन पुरी के मुताबिक, मेधावियों को मिलने वाले मेडल 'स्पेशयलिटी' के आधार पर होंगे. जैसे जनरल सर्जरी में टॉपर के लिए गोल्ड मेडल इन जनरल सर्जरी होगा. ऐसे ही अन्य मेडल के नाम होंगे. व्यक्ति विशेष के नाम पर मेडल का नामकरण बंद होगा. इसमें स्पेशयलिटी को महत्व मिलेगा. वहीं, मेडल को स्पॉन्सर करने वाला का नाम कार्यक्रम में डिस्प्ले किया जाएगा. इसके लिए कमेटी बन गई है, जल्द ही रिपोर्ट बनाकर सौंपेगी.

किस कोर्स में कितनी सीट

एमबीबीएस-250, बीडीएस-70, एमडी-एमएस-272, एमडीएस-43, डीएम-एमसीएच-56, एमएससी नर्सिंग-50, बीएससी नर्सिंग-100, एमफिल-8, बीएससी-आरटी-5

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