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BBAU के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में सदस्य नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी (Baba Saheb Bhimrao Ambedkar University) के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में प्रो. एस विक्टर बाबू को सदस्य नियुक्त करने संबंधी आदेश पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अंतरिम रोक लगा दी है.

Principal Dr. Salil Srivastava
Principal Dr. Salil Srivastava

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Published : Aug 3, 2023, 9:41 PM IST


लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में प्रो. एस विक्टर बाबू को सदस्य नियुक्त किए जाने संबंधी आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय और बीबीएयू से 4 सप्ताह में जवाब भी मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद की जाएगी.



यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने बीबीएयू के प्रो. दिनेश राज मोदी की याचिका पर पारित किया है. याचिका में कहा गया है कि प्रो. दिनेश राज मोदी को बीबीएयू अधिनियम के तहत 14 दिसम्बर 2021 को वरिष्ठतम प्रोफेसर होने के नाते बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में बतौर सदस्य नियुक्त किया गया था. जिसमें कहा गया था कि सम्बन्धित प्रावधान के मुताबिक ऐसे वरिष्ठतम प्रोफेसर को ही सदस्य नियुक्त किया जा सकता है जो डीन अथवा विभागाध्यक्ष न हो. साथ ही कहा गया कि प्रो. एस विक्टर बाबू इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष थे और 19 अप्रैल 2023 को दूसरे प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष बना दिया गया. इसलिए प्रो. बाबू याची से वरिष्ठ हैं. लिहाजा उन्हें 23 जून 2023 को सदस्य नियुक्त कर दिया गया. जिससे याची की सदस्यता समाप्त हो जाती है.

23 जून के उक्त आदेश का विरोध करते हुए कहा गया कि याची की सदस्य के तौर पर नियुक्ति 3 वर्ष अथवा जब तक वह प्रावधान के अनुरूप योग्य होता है. तब तक के लिए की गई थी. याचिका का बीबीएयू की ओर से विरोध किया गया और दलील दी गई कि प्रो. बाबू को वरिष्ठतम प्रोफेसर होने के नाते सदस्य नियुक्त किया गया है. हालांकि न्यायालय ने प्रथम दृष्टया पाया कि प्रावधान के मुताबिक वरिष्ठता बदलने से सदस्य का कार्यकाल बीच में समाप्त नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह न्यूनतम 3 वर्ष के लिए है. न्यायालय ने इस आधार पर याची को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए प्रो. बाबू को सदस्य नियुक्त किए जाने सम्बन्धी 23 जून 2023 के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.


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