कासगंज:उत्तर प्रदेश बार काउंसिल एसोसिएशन के आह्वान पर गुरूवार को न्यायिक कार्य से विरत रह कर प्रदेश भर के अधिवक्ताओं ने चिंता व्यक्त की. साथ ही अधिवक्ताओं ने लखनऊ में मारे गए मृतक अधिवक्ता के परिजनों को पचास लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की. उधर अधिवक्ताओं की हड़ताल से वादकारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अधिवक्ता की गोली मार कर हत्या करने के बाद अब प्रदेश भर के अधिवक्ता उग्र हो गए हैं. इसी को लेकर गुरूवार को कासगंज बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से विरत रह कर अपना विरोध दर्ज कराया. अधिवक्ता संघ के नेता सतेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि दूसरों को न्याय दिलाने वाले अधिवक्ता आज खुद संकट में हैं. लगातार अधिवक्ताओं की हत्या की जा रही है. इसके बावजूद भी सरकार अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए कोई खास कदम नहीं उठा रही है.
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सतेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर एक दिन की हड़ताल कर सरकार को चेतावनी दी गई है कि लखनऊ के मृतक अधिवक्ता के परिवार को 50 लाख रूपये की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए. साथ ही 70 वर्ष तक के मृतक अधिवक्ता के परिवार को अधिवक्ता कल्याण निधि से पांच लाख रूपये दिये जाएं. साथ ही उन्होंने अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए ठोस कानून बनाए जाने की मांग रखी.
वकीलों की हड़ताल से हाईकोर्ट में कामकाज प्रभावित
प्रदेश में चल रही अधिवक्ताओं की हत्या की घटनाओं के विरोध में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया. इसके चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य बाधित रहा. सुबह से ही बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर में प्रवेश द्वारों पर पिकेटिंग की और अधिवक्ता बंधुओं से न्यायिक कार्य से विरत रहने के प्रस्ताव का पालन करने का अनुरोध किया. अधिवक्ताओं ने प्रदेश सरकार से अधिवक्ताओं की हत्या के आरोपियों को तत्काल गिरफ्तारी करने और अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू कर अधिवक्ताओं के खिलाफ बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने की भी मांग की.
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राजधानी में अधिवक्ताओं ने मनाया विरोध दिवस
राजधानी लखनऊ में हाई कोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण कामकाज प्रभावित रहा. यूपी बार काउंसिल के आह्वान पर गुरूवार को अधिवक्ताओं ने विरोध दिवस के तौर पर मनाया. बार काउंसिल ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 11 व 12 जनवरी को बैठक की थी. बार काउंसिल की ओर से जिन प्रमुख मांगों को पूरा करने की मांग की जा रही है, उनमें अधिवक्ताओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है.