विधानसभा में खूब चले तंज के तीर, मुख्यमंत्री बोले-लगा के आग बहारों की बात करते हैं... - नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का शुक्रवार को आखिरी (winter session of Uttar Pradesh Legislature) दिन था. इस दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक दूसरे पर शब्दों के तीर चलाए.
लखनऊ :उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन था. इस दौरान अनुपूरक बजट पर नेता विरोधी दल अखिलेश यादव और नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दूसरे पर खूब तीर चलाए. इस आरोप प्रत्यारोप में कई बार खूब ठहाके भी लगे तो गंभीर चर्चा भी हुई. अखिलेश यादव ने भी सरकार को चिकित्सा व्यवस्था, गड्ढा मुक्त सड़कों और छुट्टा पशुओं के मुद्दे पर खूब घेरा. वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को लेकर भी अखिलेश यादव चुटकी लेने से नहीं चूके.
उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने साधा निशाना :समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने ओम प्रकाश राजभर पर निशाना साधते हुए कहा 'जब मैं सदन में आया तो बात कुछ और चल रही थी. कुछ लोगों को फिल इंदा ब्लैंक की तर्ज पर बैठाया हुआ है यहां पर.' अखिलेश यादव ने चिकित्सा व्यवस्था को लेकर सरकारी दावों पर भी सरकार को खूब घेरा और सरकार की खिल्ली भी उड़ाई. उन्होंने समाजवादी पार्टी सरकार में बनाए गए राजधानी के कैंसर अस्पताल को लेकर भी सरकार को घेरा. अखिलेश यादव ने कहा कि 'नाम बदल देने से काम नहीं हो जाता. सरकार बताए कि वहां कितने डॉक्टर की नियुक्ति हुई है.' अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा 'वह माननीय मंत्री जी हैं नहीं सदन में, मैंने मंत्री जी को एक बार सेवक कह दिया, तो उन्होंने अपने सोशल मीडिया के सभी अकाउंट्स पर वही लिख लिया है.'
सदन में खूब लगे ठहाके :छुट्टा पशुओं को लेकर भी अखिलेश ने सरकार पर निशाना साधा 'नेता सदन ने कहा कि सांड नंदी है और वह नंदी का संरक्षण कर रहे हैं. प्रदेश के किसी भी शहर में ट्रैफिक पुलिस से ज्यादा सांड नजर आते हैं. गौशाला में क्या दुर्दशा है. नंदी की सेवा के लिए केवल ढाई सौ करोड़ रुपये? इतने कम पैसे में सेवा हो जाएगी. हर सड़क पर हर डिवाइडर पर सांड बैठे हैं. आज भी चले जाइए कहीं भी घूम कर आ जाइए. हरदोई में तो सेकंड फ्लोर पर चढ़ गए थे सांड. रात भर सेवा करनी पड़ी थी सरकार को. अरे बुद्धिमान सदस्यों यह बताओ की सेकंड फ्लोर पर कैसे चढ़ गया सांड़.' अखिलेश यादव के इस बयान पर सदन में खूब ठहाके लगे.
उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र
'बड़ा हसीन है उनकी जबान का जादू...' : इसके बाद बारी थी नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की. उन्होंने भी एक शेर पढ़कर अपने भाषण की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि 'बड़ा हसीन है उनकी जबान का जादू, लगा के आग बहारों की बात करते हैं! जिन्होंने रात में देखो बस्तियां लूटीं, वही नसीब के मारों की बात करते हैं...!' अपने चुटीले भाषण में मुख्यमंत्री ने आगे कहा 'नेता विरोधी दल लीक से हटकर बोलने के आदी हो चुके हैं. यह बीमारी केवल यही पर नहीं आई है, बल्कि बिहार में भी देखने को मिल रही है. विरोधी पक्ष के लोग खूब तैयारी करके आना चाहते हैं. ईश्वर उनकी मदद करे और इसी तरह विपक्ष में बैठे रहें. सपा सरकार ने सट्टा प्रायोजित भ्रष्टाचार के कीर्तिमान गढ़े गए. इनके कार्यकाल में बने जेपीएनआईसी की शुरुआती लागत 265 करोड़ आकी गई थी. बाद में इस पर 821 करोड़ रुपए खर्च हो गए फिर भी पूरा नहीं हो पाया. इसी तरह लखनऊ हाईकोर्ट भवन के निर्माण पर पैसे की खूब बर्बादी की गई. यहां अधिकतम 30 जजों की बैठने की व्यवस्था हो सकती है, लेकिन चैंबर 76 बनाए गए. अब इनकी देखरेख पर बड़ी धनराशि खर्च हो रही है.' मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिवपाल के बहाने भी अखिलेश यादव को खूब घेरा.
ओम प्रकाश राजभर ने भी चलाए सपा पर शब्दों के तीर :सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा 'हम गठबंधन करते हैं, तो हम दलबदलू कहलाते हैं. पांच बार आपकी पार्टी ने गठबंधन किया, लेकिन आप दलबदलू नहीं कहलाओगे. हमको कहोगे, क्योंकि हम कमजोर हैं भाई. आप तो बिना पेंदी के हो नहीं. कभी कांग्रेस से, कभी बसपा से, कभी सुभासपा से तो कभी निषाद पार्टी से गठबंधन करोगे, तब तो नहीं कहोगे. हमको तो जरूर कहोगे क्योंकि हम जाति में भी छोटे हैं. जाति में आप बड़े हो, उम्र में भी आप बड़े हो. सत्ता में रहे हो, इसलिए चाहे जिसको जो कह लो. आपकी नाकामी की वजह से जो अड़तीस प्रतिशत अतिपिछड़ा था, वह भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ा हुआ है. इसको आप लोग स्वीकार करो. जब सत्ता थी तब आपको पिछड़ों की याद नहीं आई. जातीय जनगणना की भी याद नहीं आई. अब आज आपको सबकुछ याद आ रहा है. हमारे भाई आशीष पटेल जी ने बहुत सही बात कही है कि आपने चार बार की सरकार में एक बार भी सदन में जातीय जनगणना की चर्चा नहीं हुई है. ओम प्रकाश राजभर जब आपके गोल में गया और बोलने लगा, तब आपको भी समझ में आया. नेता प्रतिपक्ष यहां बैठे हैं. मैं ऐसे नहीं भागने वाला हूं. उन्होंने तलाक भिजवा दिया था, इसलिए मैंने कबूल कर लिया था.'