लखनऊ : राजधानी की जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन आज (गुरुवार) को रिहा हो गये. बुधवार रात कप्पन का रिहाई आदेश जेल प्रशासन को मिल गया था. कोर्ट से कप्पन को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) में दर्ज गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और आईटी एक्ट समेत सभी मामलों में जमानत मिल गई थी. जिला कारागार लखनऊ के जेल अधीक्षक आशीष तिवारी का कहना है कि सिद्दीक कप्पन के रिहाई का आदेश मिल गया है. उन्होंने बताया कि कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर गुरुवार सुबह उसे रिहा कर दिया गया. जेल से रिहा होने के बाद कप्पन ने कहा कि 28 महीने बाद जेल से बाहर आया हूं. मुझे सपोर्ट करने के लिए मैं मीडिया का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए. मैं बाहर आकर खुश हूं.
Kerala Journalist Siddique Kappan लखनऊ जेल से रिहा, हाई कोर्ट ने दी थी जमानत - पत्रकार सिद्दीक कप्पन की खबर
केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Kerala journalist Siddique Kappan) की रिहाई गुरुवार को सुबह 8.30 बजे हो गयी. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) में दर्ज गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और आईटी एक्ट समेत सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद जेल प्रशासन ने रिहाई की प्रक्रिया पूरी कर ली थी.
दरअसल, केरल के मलप्पुरम निवासी सिद्दीक कप्पन करीब 27 माह से जेल में बंद थे. पत्रकार कप्पन को 5 अक्टूबर, 2020 को हाथरस में अशांति पैदा करने की साजिश के आरोप में तीन अन्य लोगों के साथ हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था. जहां वह एक दलित लड़की के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना को कवर करने जा रहे थे. शुरू में उन्हें शांति भंग करने की आशंका के तहत गिरफ्तार किया गया था. बाद में उन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया कर दिया गया. आरोप लगाया गया था कि वह और उनके साथ गाड़ी में मौजूद लोग सांप्रदायिक दंगे भड़काने और हाथरस गैंगरेप-हत्या के मद्देनजर सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे.
सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 सितंबर जमानत दे दी थी. हालांकि वह फिर भी जेल में रहे और अब धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के 1 महीने बाद वह बाहर आ जाएंगे. जिस दौरान वह जेल में थे उनकी मां का निधन हो गया था. इसके बाद उनकी जमानत को लेकर मामला चर्चा का विषय बना था.