लखनऊ: शहर में कहां, कब और कैसे दुर्घटना हुई, इसकी जानकारी अब लखनऊ वासियों को एक क्लिक पर उपलब्ध होगी. राजधानी में आईआईटी मद्रास में तैयार किया गया एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना आईआरएडी एप का ट्रायल शुरू हो गया है. इस एप के जरिए सड़क पर होने वाले छोटे से छोटे हादसों का विवरण दर्ज किया जाएगा. आईआरएडी एप में पुलिस दुर्घटना से जुड़े करीब 29 बिंदुओं का ब्योरा भरेगा, जो एप के माध्यम से संबंधित विभाग परिवहन विभाग, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के पास चला जाएगा.
लखनऊ: आईआरएडी के मोबाइल एप का ट्रायल शुरू, सड़क दुर्घटना की मिलेगी जानकारी
राजधानी लखनऊ में आईआईटी मद्रास में तैयार किया गया एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना आईआरएडी एप का ट्रायल शुरू हो गया है. इस एप के जरिए सड़क पर होने वाले छोटे से छोटे हादसों का विवरण दर्ज किया जाएगा.
कैसे काम करेगा यह एप
जानकारी के आधार पर शासन की एक टीम हादसों के कारणों पर रिसर्च करेगी और संबंधित विभाग उसका समाधान कराएंगे. एप के माध्यम से दुर्घटना की सूचना पर पहुंचे बीट इंचार्ज को एप में दुर्घटना का दिन, तारीख, समय, घटना के वक्त रोशनी की स्थिति, दुर्घटना में मौत हुई या घायल, हादसे से नुकसान, क्षतिग्रस्त वाहनों की संख्या, दुर्घटना का कारण, दोनों वाहन और उनके चालक की पूरी जानकारी, घटनास्थल का लैंडमार्क, वाहन की स्थिति, ओवर स्पीड, ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता का विवरण भरना होगा.
एप पर सड़क की खराब स्थिति, इंजीनियरिंग के विषय में की पूर्ण जानकारी के साथ एफआइआर नंबर, जांच अधिकारी का नाम आईआरएडी पर उपलब्ध रहेगा. रियल टाइम में विवरण दर्ज करने के साथ ही संबंधित अधिकारी अस्पताल को मोबाइल एप से सूचना भी भेजेगा, जिससे घायल को समय पर इलाज मिल सके. सड़क खराब होने पर संबंधित विभाग को उसका समाधान करना होगा, साथ ही यातायात नियमानुसार उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. शहर में आईआरएडी एप का ट्रायल शुरू हो गया है. इसके लिए बीट इंचार्ज और थानेदारों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इससे दुर्घटना के कारणों का सही आकलन होने से उनपर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी.