लखनऊ : उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध के प्रति लोगों को जागरूक करने और अपराधियों पर लगाम लगाने में माहिर साइबर कॉप आईपीएस त्रिवेणी सिंह ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है. त्रिवेणी सिंह ने स्वास्थ्य खराब होने की वजह से वीआरएस मांगा है. आईपीएस त्रिवेणी सिंह का दो साल बाद यानी 2025 में रिटायरमेंट होना है.
साल 1994 में त्रिवेणी सिंह का प्रांतीय पुलिस सेवा में चयन हुआ था. योगी सरकार बनने पर त्रिवेणी सिंह का आईपीएस के पद पर प्रमोशन हुआ और उन्हें 2011 बैच अलॉट हुआ था. उनकी आईपीएस के तौर पर पहली तैनाती आजमगढ़ में थी, लेकिन वहां दलित प्रधान की हत्या होने पर हटाकर साइबर का एसपी बनाया गया था. उन्हें राष्ट्रपति का वीरता पदक भी मिल चुका है.
प्रो. त्रिवेणी सिंह साइबर अपराध जांच विशेषज्ञ के तौर पर लोकप्रिय हैं और वो साइबर कॉप रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने लगभग हर प्रकार के साइबर अपराधियों से निपटा है और 200 से अधिक प्रकार के साइबर क्राइम की जांच की है. इसके बाद गहन तकनीकी जांच प्रक्रिया का उपयोग करके अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. उन्हें वित्तीय और बैंकिंग धोखाधड़ी से निपटने में विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है. हाल ही में उन्होंने सहकारिता बैंक में 146 करोड़ की जालसाजी करने वालों को गिरफ्तार कर पूरे पैसे बैंक को वापस दिलवाए थे.