लखनऊःलखनऊ विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग और जयपुरिया प्रबंध संस्थान ने इंपैक्ट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन रियल लाइफ विषय पर स्टूडेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया. वेबिनार के माध्यम से बीटेक छात्रों को डाॅ. दीपक सिंह ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जीवन में प्रयोग के बारे में बारीकी से समझाया.
वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से डॉ. दीपक सिंह ने मानव दिमाग की तरह सोचने वाले इस कृत्रिम इंटेलिजेंस को किस तरह अपने प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किया जा सकता है, इसके बारे में छात्रों को विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आईटी एक्सपर्ट जब कंप्यूटर की असली ताकत की खोज कर रहा थे, तब उनको भी अनेकों बातों पर सोचने के लिए में बाध्य होना पड़ा. जैसे- क्या मशीन भी हमारी तरह सोच सकती हैं ? इसी तरह ही आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की डेवलपमेंट की शुरुआत हुई है, जिसका केवल एक ही उद्देश्य था कि एक ऐसी इंटेलीजेंट मशीन की संरचना की जा सके, जो इंसानों की तरह बुद्धिमान हो और हमारी तरह सोच सके. यह इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता है.