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विदेश से निवेश लाने के लिए सरकार का धाकड़ प्लान, स्थानीय उद्यमियों पर नहीं दिया जा रहा ध्यान

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर राज्य सरकार की कई टीमें विदेश दौरे कर रही हैं. विदेशी निवेशकों को उत्तर प्रदेश लाने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव जुगत लगा रही है. हालांकि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के स्थानीय उद्यमियों को निवेश और एनओसी आदि देने पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. आइए जानें उधमियों और विशेषज्ञों की राय...

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Published : Dec 22, 2022, 4:34 PM IST

जानकारी देते एसोचैम के आईटी एंड पब्लिकेशन कमेटी के चेयरमैन संदीप सक्सेना.

लखनऊ :फरवरी में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) को लेकर राज्य सरकार का पूरा फोकस है. सरकार की कई टीमें विदेश दौरे पर हैं और विदेशी निवेशकों (foreign investors) को उत्तर प्रदेश लाने के लिए आमंत्रित कर रही हैं. सरकार विदेशी निवेशकों को कई तरह की सहूलियत देने का वादा भी कर रही है. वहीं उत्तर प्रदेश के स्थानीय उद्यमियों को निवेश करने और एनओसी आदि देने पर सरकार बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. ऐसे में स्थानीय उद्यमियों को सरकार के स्तर पर कई विभागों के स्तर पर एनओसी आदि लेने में समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. इसके अलावा जमीन आवंटन से लेकर पर्यावरण व अन्य एनओसी में भी कई अड़चने हैं.

दरअसल सरकार का पूरा फोकस इस समय विदेशी निवेश (Foreign investment) को उत्तर प्रदेश लाकर प्रदेश को विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ाना. साथ ही 1 ट्रिलियन इकोनामी का लक्ष्य है. जबकि सरकार से स्थानीय उद्यमियों व वाणिज्यिक संगठनों की अपेक्षा है कि जो स्थानीय उद्योग हैं, स्थानीय निवेशक हैं, उन पर अगर सरकार ध्यान दे तो इस पर ज्यादा बेहतर काम किया जा सकता है. फिलवक्त स्थानीय उद्यमियों को निवेश और उद्योग स्थापित करने में बैंक से लोन आदि में सबसे बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है. डॉक्यूमेंटेशन के बावजूद बैंकों के स्तर पर लोन देने में अड़चनें लगाई जा रही हैं. इससे कई महीनों तक उद्यमी बैंकों के चक्कर लगाते रहते हैं.

वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना (One Distic One Product Scheme) के अंतर्गत भी तमाम तरह की समस्याओं का सामना करने वाले युवाओं को भी करना पड़ता है. कई स्तर पर युवाओं को स्टार्टअप्स के लिए बढ़ावा देने की बात कही जाती है, लेकिन उनके प्रोजेक्ट के आधार पर लोन नहीं मिल पाता. जबकि सरकार को इस तरफ ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. इसके अलावा पर्यावरण बिजली, सिंचाई जिला प्रशासन जैसे विभागों से भी उद्यमियों को एनओसी आदि लेने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लालफीताशाही की वजह से उद्यमियों की समस्याएं निस्तारित नहीं होतीं. सरकार ने उद्यमियों की सहूलियत के लिए निवेश मित्र और सिंगल विंडो सिस्टम (Nivesh Mitra and Single Window System) लागू करने के जरूर दावे किए हैं. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सभी समस्याओं के निस्तारण की बात कही है. इसके बावजूद फायदा स्थानीय उद्यमियों को नहीं मिल पा रहा है.

एसोचैम के आईटी एंड पब्लिकेशन कमेटी के चेयरमैन संदीप सक्सेना (Sandeep Saxena, Chairman, IT and Publication Committee, Assocham.) ने कहा कि सरकार विदेश से निवेश ला रही है, यह अच्छी पहल है, लेकिन सरकार को स्थानीय उद्यमियों को भी उनके साथ जोड़ने पर ध्यान देना चाहिए. जिससे बेहतर समन्वय के साथ निवेश लाया जा सके और इससे दोनों लोगों को फायदा होगा. इसके अलावा स्थानीय उद्यमियों या अन्य जो निवेशक हैं उत्तर प्रदेश में ही तमाम तरह के उद्योग चला रहे हैं या स्टार्टअप करना चाहते हैं उन्हें सहूलियत देनी चाहिए. बैंकों के स्तर पर लोन ना मिलने की समस्या होती है. इसके अलावा लोकल प्रशासन इंडस्ट्रियल एरिया (Industrial Area) में जमीन चयनित होने और जमीन की रजिस्ट्री आदि में भी तमाम तरह की समस्याएं होती हैं. इन समस्याओं को दूर करने पर भी सरकार को गंभीरता से प्रयास करना चाहिए.

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