उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Global Investors Summit 2023 : रिन्यूएबल एनर्जी पर यूपी सरकार गंभीर, ऊर्जा सेक्टर में 7 लाख करोड़ का निवेश

राजधानी के डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit 2023) में रिन्यूएबल एनर्जी के साथ औधोगिक विकास का खाका भी खींचा गया. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने ऊर्जा के क्षेत्र में 7 लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट के एमओयू होने की जानकारी दी.

By

Published : Feb 10, 2023, 5:22 PM IST

Updated : Feb 10, 2023, 6:17 PM IST

c
c

लखनऊ :भारत को 2047 तक रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य पूरा करने के लिए सबसे बड़े राज्य में उद्योगपति ग्रीन एनर्जी के प्लांट लगाए, इसके लिए योगी सरकार के ऊर्जा मंत्री और अधिकारियों ने ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में इन्वेस्टर्स के सामने सौर व बायो ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया. इस मौके पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने उद्योगपतियों से कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी पर निवेश करने के लिए आप एक कदम चलेंगे तो हम 5 कदम बढ़ाएंगे.

ऊर्जा सेक्टर में 7 लाख करोड़ का निवेश

राजधानी के डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में शुक्रवार से शुरू हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में रिन्यूएबल एनर्जी के साथ औधोगिक विकास को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि इस बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 7 लाख करोड़ का ऊर्जा के क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट करने के एमओयू हुए हैं. जो दिखाता है कि यूपी उद्योगपतियों को पहली पसंद है. उन्होंने कहा कि अब वक्त रिन्यूएबल एनर्जी का है. योगी सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है. बीते साल सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए दो पॉलिसी सौर ऊर्जा नीति और बायो ऊर्जा नीति लागू की थी. सरकार चाहती है कि उद्योगपति आए और इस नीति को अपनाए. जिसके लिए सरकार सब्सिडी देने के साथ साथ पूरी मदद करेगी. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक हम 16 हजार मेगावाट सौर एनर्जी का उत्पादन कर सकें. वहीं जैव ऊर्जा के तहत हम बायोकोल, बायोडीजल और बायो एथेनॉल के लिए 2000-2000 टन प्रतिदिन उत्पादन करेंगे.

ऊर्जा सेक्टर में 7 लाख करोड़ का निवेश


उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया के सामने ऊर्जा को लेकर व्यापक चुनौतियां हैं. इसी के साथ ही ये काफी व्यापक सेक्टर है. जिसमे काम करने को लेकर अपार संभावनाएं भी हैं. मंत्री एके शर्मा ने बैटरी निर्माण, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा सहित कार्बन उत्सर्जन को कम करने को लेकर भी योगी सरकार की योजनाओं पर निवेशकों को अवगत कराया. प्रदेश सरकार की नई ऊर्जा नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने प्रदेश के ऊर्जा सेक्टर में निवेश कर रहे निवेशकों को ये भरोसा भी दिलाया कि उनकी हर जरूरत और सुविधाओं का सरकार ख्याल रखेगी.

ऊर्जा सेक्टर में 7 लाख करोड़ का निवेश

पर्यावरण को बचाने के लिए जरूरी है रिन्यूएबल एनर्जी : इस मौके पर अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा महेश गुप्ता ने रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र के उद्योगपतियों को यूपी सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी और वैकल्पिक ऊर्जा की पॉलिसी के बारें में बताते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है जब हमें गैर परंपरागत ऊर्जा को स्वीकार करना होगा. क्योंकि परंपरागत ऊर्जा के माध्यम से हमने जितना विकास किया है उतना ही हमने पर्यावरण को प्रदूषित भी किया है. ऐसे में जरूरी है कि हम विकास करें, लेकिन बिना पर्यावरण को प्रदूषित किए. उन्होंने कहा कि यूपी ने सौर व जैव एनर्जी पॉलिसी लागू की है. सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 100 फीसद स्टाम्प ड्यूटी में छूट और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 10 वर्ष तक 100 फीसदी छूट का प्रावधान किया गया. इस नीति का लाभ लेते हुए बुंदेलखंड के सातों जिलों बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, जालौन, झांसी और ललितपुर में अब तक कुल 11 सौर ऊर्जा प्राइवेट कंपनियां अपने सौर प्रोजेक्ट स्थापित कर चुकी हैं.

ऊर्जा सेक्टर में 7 लाख करोड़ का निवेश
भारत सरकार के सचिव ऊर्जा ने कहा कि भारत में 5 लाख मेगावाट तक गैर परंपरागत ऊर्जा उत्पादन क्षमता करनी है. देश में ऊर्जा खपत लगातार बढ़ रही है. बीते साल जो खपत एक लाख 50 हजार मेगावाट थी, वह इस साल दो लाख 12 हजार मेगावाट हो गई है. हालांकि यह खुशी की बात है कि भारत में विकास हो रहा है, लेकिन इस विकास से पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है. भारत में हमारी डिमांड बहुत बढ़ रही है जो पिछले साल एक लाख 50 हजार मेगावाट थी. वह 2000 जनवरी के महीने में 212000 मेगावाट पार कर चुकी है. यह खुशी की बात है कि हमारे उद्योग में प्रगति हो रही है. हमारे शहरों का विकास हो रहा है, लेकिन इसके आगे तो चुनौतियां हैं कि हम ऊर्जा की इस तरह की खपत को पूरा करें. जिससे हमारी डेवलपमेंट भी ना रुके और प्रदूषण भी ना हो. भविष्य में ये जब खपत 5 लाख मेगावाट हो जाएगी तो हम कैसे ऊर्जा का उत्पादन करें वो भी पर्यावरण को बचाते हुए, इसके लिए हमे रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन को बढ़ाना होगा.
ऊर्जा सेक्टर में 7 लाख करोड़ का निवेश
किसने कितना किया निवेश : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन ही ऊर्जा के क्षेत्र में साथ लाख करोड़ का निवेश के लिए एमओयू साइन हुए हैं. इसमें ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करने वाली अवारडा ग्रुप ने 22 हजार करोड़, पंप स्टोरेज की ग्रीन को ने 17 हजार करोड़, जियो थर्मल कोर ने एक हजार करोड़, NTPC NE 75 हजार करोड़ और वेलस्पन ने 40 हजार करोड़ निवेश करने किए सरकार के साथ एमओयू किया है.

सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी को किया प्रमोट : यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सेशन आयोजित किया गया. इस दौरान सरकार ने निवेशकों के सामने ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी 2023 प्रमोट किया. सरकार के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमे अब गैर परंपरागत ऊर्जा को अपनाते हुए रिन्यूएबल एनर्जी या वैकल्पिक एनर्जी के सहारे विकास करना होगा. इसमें ग्रीन हाइड्रोजन एक महत्वपूर्ण ऊर्जा का श्रोत है, जिसे यूपी में उच्च स्तर पर प्रमोट किया जाएगा. सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी तैयार कर ली है. इस दौरान हाइजनों ग्रीन एनर्जिस कंपनी के को फाउंडर अंशुल गुप्ता ने यूपी में इस क्षेत्र में निवेश करने की इच्छा जाहिर की है.

अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश गुप्ता ने बताया कि यूपी में ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी ला रही है. ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया के उत्पादन इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए इकोसिस्टम फंड भी सृजित किया जाएगा. वाहनों के ईधन से लेकर घर में खाना बनाने, खेतों में इस्तेमाल होने वाली रासायनिक खाद तक में ग्रे हाइड्रोजन और अमोनिया का इस्तेमाल होता है. इनके उत्पादन के लिए नेचुरल गैस की जरूरत होती है. यह पर्यावरण के साथ ही देश की आर्थिक सेहत पर भी भारी पड़ता है, क्योंकि इसे आयात करना पड़ता है. इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया है.


योगी सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों को पॉलिसी के लाभ बताए. हाइजनों ग्रीन एनर्जिस कंपनी के कोफाउंडर अंशुल गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में देश का 15 प्रतिशत ग्रीन हाइड्रोजन की मार्केट है. उन्होंने देश में 2 हजार करोड़ का इन्वेस्ट किया है और वो चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन प्लांट लगाएं जिससे 6 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही एक रिन्यूएबल एनर्जी का श्रोत बढ़ेगा. वहीं इस दौरान अवार्डा ग्रुप ने ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में 22 हजार करोड़ निवेश करने का एमओयू साइन किया. दरअसल, यूपी में वैकल्पिक ऊर्जा विभाग की ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी तैयार की गई है. प्रदेश में ग्रे हाइड्रोजन और अमोनिया की जगह चरणबद्ध ढंग से ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा. वर्ष 2028 तक खाद में 20 फीसदी तक ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग की योजना है, जिसे 2035 तक 100 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.


पॉलिसी के अंतर्गत ये कदम उठाए जाएंगे :ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया बनाने वाले उत्पादकों को 15 दिन के भीतर सिंगल विंडो पोर्टल के जरिए मंजूरी मिलेगी. ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में शोध, अनुसंधान एवं तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा. तकनीक को बढ़ावा देने के लिए 30 फीसदी या 5 करोड़ तक सब्सिडी दी जाएगी. स्टांप ड्यूटी, भू उपयोग शुल्क पर 100 फीसदी छूट, पानी के औद्योगिक इस्तेमाल पर शुल्क में 50 फीसदी छूट देंगे.



ऐसे बनती है ग्रीन हाइड्रोजन :ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया-जब पानी से इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रिया के इस्तेमाल व अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल कर हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है तो उसे ग्रीन या हरित हाइड्रोजन कहा जाता है. बॉयोमास आधारित हाइड्रोजन को भी ग्रीन कैटेगरी में रखा जाता है. यह पर्यावरण के अनुकूल होता है. ग्रे हाइड्रोजन-जब हाइड्रोजन का उत्पादन नेचुरल गैस या मिथेन के इस्तेमाल से किया जाता है तो उसे ग्रे हाइड्रोजन कहते हैं. इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन होता है. नेट जीरो-इसका मतलब ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को जहां तक संभव हो उसे शून्य तक पहुंचाना. दुनिया के तमाम देशों ने नेट जीरो के अपने लक्ष्य तय किए हैं. 27वें यूएन क्लाइमेट सम्मेलन में भारत ने वर्ष 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य की कार्ययोजना सौंपी है. ग्रीन हाउस गैस-इनमें उन गैसों को शामिल किया जाता है जो धरती के तापमान को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं. इन्हें जलवायु परिवर्तन का भी कारक माना जाता है. इसमें कार्बन डाइआक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैस शामिल हैं.

यह भी पढ़ें : राम जन्मभूमि को उड़ाने की धमकी देने वाले पति-पत्नी महाराष्ट्र से गिरफ्तार, पूछताछ में आई चौंकाने वाली बात

Last Updated : Feb 10, 2023, 6:17 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details